38 भारतीयों को लेकर कैलाश मानसरोवर पहुंची फ्लाइट, 27 हजार फुट की ऊंचाई से हुए दर्शन


रतन गुप्ता उप संपादक
नेपालगंज से कैलाश मानसरोवर के दर्शन के लिए यह फ्लाइट शुरू होने की वजह से अब श्रद्धालुओं को काठमांडू जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

फ्लाइट में से कुछ इस तरह हुए कैलाश पर्वत के दर्शन
नेपाल से एक फ्लाइट ने उड़ान भरकर कैलाश मानसरोवर तक का सफर तय किया और श्रद्धालुओं को पवित्र पर्वत के दर्शन कराए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपालगंज से सोमवार को 38 भारतीयों के साथ एक चार्टर्ड विमान ने कैलाश मानसरोवर के लिए उड़ान भरी, और यह इस तरह की पहली पर्वतीय उड़ान थी। कैलाश-मानसरोवर दर्शन उड़ान के नाम वाली यह विमान सेवा तीर्थस्थल कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का मनमोहक दृश्य दिखाती है। फ्लाइट में मौजूद यात्रियों ने कैलाश पर्वत का नजारा 27 हजार फुट की ऊंचाई से देखा।

फरवरी के पहले हफ्ते में होगी अगली चार्टर्ड फ्लाइट
बता दें कि इस सर्विस को सिद्धार्थ बिजनेस ग्रुप ने शुरू किया है। कंपनी के क्षेत्रीय निदेशक केशव न्यूपाने ने यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया, ’38 भारतीय पर्यटकों के साथ श्री एयरलाइंस के इस चार्टर्ड विमान को यह यात्रा पूरी करने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगा।’ इस पहली उड़ान में दिल्ली, मुंबई, गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न भारतीय राज्यों से कई पर्यटक सवार हुए थे। न्यूपेन ने कहा, ‘कैलाश पर्वत और मानसरोवर के लिए यह उड़ान सस्ती, तेज, विश्वसनीय और सुरक्षित है। अगली चार्टर्ड उड़ान फरवरी के पहले सप्ताह में होगी।’

अब श्रद्धालुओं को काठमांडू जाने की जरूरत नहीं
चीन ने भारतीय श्रद्धालुओं की कैलाश मानसरोवर यात्रा पर कोविड के चलते बैन लगाया हुआ था, लेकिन नेपाल की इस उड़ान सेवा ने नई उम्मीदें जगा दी हैं। कोविड महामारी के पहेल लगभग 12 हजार यात्री हर साल नेपाल के रास्ते कैलाश मानसरोवर जाया करते थे। नेपाल के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को पहले काठमांडू जाना पड़ता है, लेकिन अगर वे इस फ्लाइट को चुनते हैं तो उन्हें नेपाल की राजधानी जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से नेपालगंज की दूरी मुश्किल से 200 किलोमीटर है और यहां सड़क मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है।

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