रतन गुप्ता उप संपादक
प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बैंकों का कर्ज हड़पने के मामले की जांच के तहत कार्रवाई की है। अब तक विनय शंकर तिवारी की 72 करोड़ की संपत्ति जब्त हो चुकी है।
बैंकों का करीब 754 करोड़ हड़पने वाले पूर्व विधायक व सपा के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेस के 5 शहरों के 10 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को छापा मारा। लखनऊ के महानगर इलाके में गंगोत्री इंटरप्राइजेस के कार्यालय समेत पांच ठिकानों पर छापा मारा गया है। गोरखपुर में तिवारी के पैतृक आवास, नोएडा स्थित कंपनी के दफ्तर व निदेशक के आवास के साथ अहमदाबाद व गुरुग्राम में भी देर रात तक छानबीन जारी रही।
जांच एजेंसी ने इन ठिकानों से बड़ी संख्या में चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए हैं। फर्जी कंपनियां बनाने के सुबूत भी मिले हैं। ईडी ने बीती 17 नवंबर को तिवारी की कंपनियों की 72.08 करोड़ रुपये कीमत वाली 27 संपत्तियों को जब्त किया था। गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये का कर्ज (सीसी लिमिट) लिया था, जिसमें से 754 करोड़ रुपये वापस नहीं किए। बैंक की शिकायत पर सीबीआई ने गंगोत्री इंटरप्राइजेज और उसकी सहयोगी कंपनियों के निदेशकों, प्रमोटर्स, गारंटर के खिलाफ केस दर्ज किया था। सीबीआई की एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी दो वर्ष पूर्व मनी लॉन्डि्रंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके बाद नवंबर 2023 में तिवारी की गोरखपुर, महराजगंज और लखनऊ की संपत्तियां जब्त की थीं।
ये है मामला
गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने अपने प्रमोटरों, निदेशकों, गारंटरों के साथ मिलकर बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लिया था। बाद में इस रकम को उन्होंने अन्य कंपनियों में डायवर्ट कर दिया। इससे बैंकों को 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके बाद कंपनी के बैंक खातों को एनपीए घोषित कर दिया गया।
सुबह पांच बजे तिवारी के घर पहुंची टीम, 12 घंटे चली कार्रवाई, दस्तावेज ले गई
पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर के गोरखपुर के धर्मशाला स्थित पैतृक आवास पर ईडी की टीम ने शुक्रवार सुबह पांच बजे छापा मारा। टीम ने आवास पर मौजूद हरिशंकर तिवारी के बड़े बेटे भीष्म शंकर से भी पूछताछ की। शाम छह बजे टीम कई दस्तावेज साथ लेकर लौट गई। टीम के जाने के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने कार्रवाई पर आक्रोश व्यक्त करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए।