रतन गुप्ता उप संपादक
गोरखपुर में समाजवादी पार्टी के नेता अपनी सीटों पर लोकसभा चुनाव में दावेदारी की तैयारी में थे। लेकिन, कुछ सीटें कांग्रेस के खाते में जाने से अब विकल्प तलाश रहे हैं। बांसगांव, देवरिया और महराजगंज सीट समझौते में कांग्रेस को मिली है।
लोकसभा चुनाव में गोरखपुर और आस-पास की सीटों पर सपा और कांग्रेस गठबंधन में सीटों के बंटवारे से एक तरफ कांग्रेस के दावेदारों में उत्साह है, वहीं सपा खेमे में मायूसी है। मंडल में समझौते में मिली बांसगांव, देवरिया और महराजगंज सीट पर कांग्रेस हाईकमान के पास अचानक ही दावेदारों की लंबी फेहरिस्त पहुंच गई है।
जबकि, पहले से तैयारी में जुटे सपा नेता अब नया विकल्प तलाशने लगे हैं। इन सबके बीच सपा से निकलकर नई पार्टी बनाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या से भी कुछ नेता नजदीकियां बढ़ाने लगे हैं।
लोकसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है।
इसके लिए राजनैतिक दलों के साथ-साथ चुनावी तैयारी में जुटे नेताओं ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सबसे अधिक हलचल सपा और कांग्रेस के खेमे में है। कांग्रेस नेता हर सीट पर दावेदारी तो कर रहे थे, लेकिन पिछले चुनावों का परिणाम देखते हुए उनके बड़े नेता शांत हो गए थे, लेकिन जैसे ही सपा से गठबंधन हुआ तो सबके चेहरे पर रौनक आ गई है।
गठबंधन का उम्मीदवार होने पर अब उन्हें इस बात की उम्मीद जग गई है कि वे मुख्य मुकाबले में रहेंगे। ऐसे में दावेदारी तेजी से शुरू हो गई है। गोरखपुर जिले की सुरक्षित सीट बांसगांव में अब तक सात नेताओं ने दावेदारी पेशकर लखनऊ और दिल्ली में अपने संरक्षकों से संपर्क साधा है। इनमें से दो महिला दावेदार भी हैं।
कोई खुद को राहुल गांधी का करीबी बताकर टिकट की आस लगाए हैं तो कोई दीदी (प्रियंका गांधी) से मिलने की कोशिश में है। यही हाल देवरिया लोकसभा सीट का भी है। देवरिया और कुशीनगर जिले में फैली इस सीट पर पार्टी के कद्दावर नेता जोर आजमाइश करने लगे हैं। महराजगंज में कांग्रेस के पांच दावेदार अब तक सामने आ चुके हैं। यहां भी पार्टी के दो बड़े नेताओं पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
सपा के दावेदार खोज रहे नया ठिकाना
गठबंधन के बाद गोरखपुर में सपा नेताओं का अब पूरा जोर गोरखपुर सदर सीट पर है, जहां के लिए पार्टी पहले ही उम्मीदवार तय कर चुकी है। बांसगांव क्षेत्र से तैयारी में लगे नेताओं के लिए विकल्प कम बचा है। चर्चा यह भी है कि कुछ नेता कांग्रेस में भी संपर्क साध रहे हैं कि उन्हें टिकट मिल जाए। देवरिया सीट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक एक नेता ने कई जगह पोस्टर लगा दिए थे। जनसंपर्क भी चल रहा था, लेकिन अब वे फिर से कुशीनगर सीट पर दावेदारी जताने लगे हैं। महराजगंज के लिए तैयारी में लगे नेताओं ने चुप्पी साध ली है।
मौर्या पर भी टिकी है नजर
पडरौना से तीन बार विधायक रहे और अब नई पार्टी बना चुके स्वामी प्रसाद मौर्या के संपर्क में गोरखपुर मंडल के कई नेता हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या बसपा और सपा में वरिष्ठ पदाधिकारी रहने के अलावा भाजपा में भी चर्चा में रहे। मंडल के कई नेता पहले से ही उनके संपर्क में हैं। सपा छोड़ने के बाद उनके अगले कदम पर सबकी निगाहें टिकी हैं। माना जा रहा है कि मौर्या पूर्वांचल में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए जिन सपाइयों को टिकट नहीं मिला है उन्हें अपने साथ जोड़ सकते हैं।