रतन गुप्ता उप संपादक
नौतनवा के पूर्व विधायक अमन मणि त्रिपाठी ने शनिवार को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। आम चुनाव से ठीक पहले उनका कांग्रेस में शामिल होने से जिले की राजनीति में कयासबाजियों के साथ ही जातीय गुणा गणित बैठाना भी शुरू हो गया है। 2022 में अमनमणि ने बसपा के टिकट पर नौतनवा से चुनाव लड़ा था पर हार गए। बाद में पार्टी विरोधी गतिधिधियों के कारण बसपा ने उन्हें निकाल दिया था।
महराजगंज लोकसभा की सीट सपा कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस के हिस्से में आई है। कांग्रेस यहां से एक मजबूत उम्मीदवार की तलाश कर रही है। चुनाव के ऐन वक्त अमनमणि के कांग्रेस में शामिल होने से उनके समर्थक उन्हें टिकट का दावेदार मान रहे हैं। हालांकि अभी कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी की यहां के ब्राह्मण वोटरों में खासी पैठ मानी जाती है। इसी के बूते ही पुत्र अमनमणि 2017 में नौतनवा से निर्दलीय विधायक बने थे। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पडा था। अब अमन के कांग्रेस में शामिल होने से आगामी लोकसभा चुनाव में जिले का सियासी गणित बदलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
महराजगंज सीट से बीते कई चुनावों से भाजपा के पंकज चौधरी जीत हासिल करते आए हैं। इस बार भी पार्टी ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। पिछड़ी जाति के कुर्मी वोटरों में इनकी गहरी पैठ है। वहीं भाजपा के परंपरागत सवर्ण वोटर भी इनके साथ हैं। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में अमन के कांग्रेसी होने से समीकरण में पेच नजर आ रहा है। क्योंकि ब्राह्मण समुदाय के वोटरों में मणि परिवार की पैठ अच्छी है। दूसरी ओर भाजपा के परंपरागत वोटर ब्राह्मण माने जाते हैं, अगर यह टूटे तो इसका नुकसान भाजपा को हो सकता है। वहीं कांग्रेस व सपा के वोटर विशेष रूप से अल्पसंख्यक माने जाते हैं, इनका झुकाव मजबूत हुआ और ब्राह्मण भी मणि परिवार के साथ हो लिए तो लड़ाई रोचक हो सकती है।
कुल मिलाकर अमन को कांग्रेसी होने पर अभी से उनके समर्थक सियासी समीकरण बनाना शुरू कर दिए हैं। हालांकि वह सिर्फ अभी कांग्रेस में शामिल हुए हैं लेकिन लोगों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि यहां टिकट का दावेदार कौन हो सकता है।
प्रोफेसर शिब्बन लाल सक्सेना, हर्षवर्धन, महादेव वर्मा, अशफाक हुसेन जैसे नेता जातियों को धता बताकर यहां से सांसद चुने गए थे। राजनीति के इन पुरोधाओं की कर्मभूमि पर पहली बार जातीयता के आधार पर वर्ष 1991 में पंकज चौधरी की जीत हुई। पंकज चौधरी ने 1996 में दूसरी बार जीत का परचम लहराकर अपनी जातीय राजनीति की नींव को और पुख्ता किया। उनकी जीत के पीछे जातीय अंकगणित ही माना जा रहा है। करीब 19 लाख वोटर वाले महराजगंज संसदीय क्षेत्र में कुर्मी वोटरों की संख्या करीब तीन लाख है। पिछड़ी जाति के ये वोटर पूर्व में छिटके हुए थे। 1991 में पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनावी जंग में उतरे कुर्मी जाति के पंकज चौधरी इन वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने में कामयाब हुए। वहीं करीब दो लाख वैश्य वोटर भी भाजपा के वोटर माने जाते हैं। इसके अलावा अन्य सवर्ण वोटरों में भाजपा सर्मथक आधे से अधिक वोटरों का योगदान पंकज चौधरी की जीत की वजह बनता आ रहा है। इस बार अमन के कारण ब्राह्मण वोटरों में टूटन हो सकती है, जिसका नुकसान पंकज को हो सकता है।
दूसरी तरफ पिछले विधानसभा चुनाव में नौतनवा सीट पर तीसरे नंबर पर रहे अमन मणि अपनी सियासी पिच को मजबूत करना चाहते हैं। इस सियासी रण में उन्हें कितना फायदा या नुकसान होगा यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन जिले का सियासी पारा अचानक से बढं गया है।
वहीं, अमनमणि के कांग्रेस में शामिल होने को लेकर पार्टी जिलाध्यक्ष शरद कुमार सिंह का कहना है कि पार्टी ने जो फैसला किया है वह सही ही होगा। फिलहाल शीर्ष नेतृत्व से उन्हें कोई जानकारी नहीं मिली है।
वर्ष 2017 में पहली बार निर्दल विधायक हुए थे अमन मणि
अमनमणि त्रिपाठी यूपी के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। अमनमणि त्रिपाठी 2017 के विधानसभा चुनाव में पहली बार यहीं से निर्दल विधायक चुने गए थे। हालांकि ये अमनमणि का पहला विधानसभा चुनाव नहीं था। वे 2012 में सपा के टिकट पर नौतनवां से चुनाव लड़ चुके थे। तब कांग्रेस के कौशल किशोर सिंह ने उन्हें हरा दिया था। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भी नौतनवां सीटी से चुनाव लडे़ थे। नौतनवा सीट से भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के प्रत्याशी ऋषि त्रिपाठी विजयी हुए। ऋषि को 90 हजार 263 वोट मिले । जबकि उनके प्रतिद्वंदी सपा के कुंवर कौशल सिंह को 74932 हजार मत पाकर दूसरे नंबर पर रहे। वहीं बसपा के अमनमणि त्रिपाठी 46 हजार 128 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे। वहीं कांग्रेस के सदा मोहन चौथे नंबर पर चल रहे हैं। सदा मोहन को 5071 मत मिले हैं।
अखिल भारतीय कांग्रेस केमेटी के जनरज सेक्रेटरी अविनाश पांडेय के सामने पार्टी की सदस्यता ली है। पार्टी हमारे लिए जो भूमिका तय करेगी, उसका निवर्हन करूंगा। अभी जल्दबाजी में कुछ कहना ठीक नहीं है। पार्टी की नीतियों का प्रचार प्रसार करूंगा।
अमन मणि त्रिपाठी, पूर्व विधायक नौतनवा