पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी पर ED की बड़ी कार्रवाई, 30 करोड़ रुपए से ज्‍यादा की संपत्ति जब्त

रतन गुप्ता उप संपादक
ईडी ने 754.24 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के मामले में बसपा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी उनकी पत्नी रीता तिवारी व सहयोगी अजीत कुमार पांडेय की 30.86 करोड़ रुपये की 12 संपत्तियां और जब्त की हैं। ईडी ने जो संपत्तियां जब्त की हैं वह गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड रायल इंपायर मार्कटिंग कंदर्प कंस्ट्रक्शन के निदशक प्रमोटर व गायरंटर के नाम खरीदी गई थीं।

ईडी ने 754.24 करोड़ रुपये के बैंक फ्राड के मामले में की कार्रवाई
पूर्व विधायक, पत्नी व सहयोगी के नाम की 12 संपत्तियां शामिल

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 754.24 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के मामले में बसपा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी, उनकी पत्नी रीता तिवारी व सहयोगी अजीत कुमार पांडेय की 30.86 करोड़ रुपये की 12 संपत्तियां और जब्त की हैं।

लखनऊ, गोरखपुर व नोएडा में जब्त की गई संपत्तियों में व्यवसायिक भवन, आवास व कृषि भूमि शामिल हैं। ईडी ने 17 नवंबर, 2023 को मामले में आरोपितों की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। अब तक कुल 102.94 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त की गई हैं।
ईडी ने जो संपत्तियां जब्त की हैं, वह गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड, रायल इंपायर मार्कटिंग, कंदर्प कंस्ट्रक्शन के निदशक, प्रमोटर व गायरंटर के नाम खरीदी गई थीं। ईडी ने 23 फरवरी को पूर्व विधायक व उनके करीबियों के पांच शहरों में स्थित 10 ठिकानों पर छापे मारे थे।

अलग-अलग जगह ठ‍िकानों पर छानबीन
ईडी की टीमों ने लखनऊ में पांच, नोएडा में दो और गोरखपुर, गुरुग्राम व अहमदाबाद में एक-एक ठिकानें पर छानबीन की थी। इस दौरान कई कंपनियों व संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज मिले थे। पूर्व विधायक की कंस्ट्रक्शन कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम वर्ष 2012 से 2016 के बीच सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट ली गई थी।

आरोप था कि बड़ी रकम को दूसरी कंपनियाें में डायवर्ट किया गया था, जिससे बैंकों को 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कंसोर्टियम को लीड करने वाले बैंक ऑफ इंडिया की जांच में 31 प्रमोटर और गारंटर का भूमिका भी सामने आई थी।

बैंक फ्रॉड के इस मामले में पहले दिल्ली सीबीआई ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। ईडी ने जनवरी 2021 में आरोपित विनय शंकर तिवारी व अन्य के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। बीते दिनों छापेमारी के बाद पूर्व विधायक से लंबी पूछताछ भी की गई थी।

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