रतन गुप्ता उप संपादक
सोनौली बार्डर आतंकियों का घुसपैठ का केन्द्र बन गया है । अभी तक अधिकतर धरपकड़ बाहर से आकर सुरक्षा एजन्सी ने ही गिरफ्तारी किया है ।बार्डर पर तैनाद भारी भरकम फोर्स की जांच भगवान भरोसे चल रही है ।
भारत नेपाल बार्डर पर बीते दिनों सोनौली सीमा से गिरफ्तार हुए तीन संदिग्ध आतंकी एटीएस की गिरफ्त में है। काठमांडो में भारतीय फर्जी आधार कार्ड बनवाकर सोनौली से होकर जम्मू कश्मीर जाना चाहते थे। इसके आगे की योजना के बारे में उनको वहीं जानकारी मिलती है, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता से बार्डर पर ही दबोच लिए गए। गिरफ्तार मोहम्मद अल्ताफ भट, सैय्यद गजनफर और नासिर हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े हैं।
एटीएस की पूछताछ में पता चला की ये तीनों हिजबुल के कैंप से जिहाद का प्रशिक्षण लिए थे। आईएसआई के निर्देशन में इनको जरूरी जानकारी दी गई थी। अल्ताफ भट ने पूछताछ में बताया कि जन्म जम्मू-कश्मीर में उसका जन्म हुआ था और कारगिल युद्ध के बाद वह हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी के साथ जिहाद का प्रशिक्षण लिया। नेपाल के रास्ते जम्मू-कश्मीर पहुंचने के निर्देश मिले थे।
हिजबुल के मुज्जफराबाद कैंप में जिहाद का प्रशिक्षण लेकर काफी दिनों तक वहां रहकर काम भी किया। अल्ताफ ने बताया कि गजनफर के साथ जब वह काठमांडो पहुंचा तो उसे नासिर मिला। उसी ने दोनों को फर्जी भारतीय आधार कार्ड उपलब्ध कराए। नासिर ने ही सोनौली के शेख फरेंदा गांव से होकर भारत में प्रवेश का रास्ता भी बताया था। जम्मू-कश्मीर के नासिर का संपर्क पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सलीम नामक व्यक्ति से था।
खुफिया सूत्रों की माने तो नेपाल के सीमावर्ती जिलों के निकट तक हिजबुल के संदिग्ध अध्यापक बनाकर भारत विरोधी गतिविधियों को फैलाने में लगे हैं, जो वेलफेयर सोसाइटी के जरिए फंड एकत्रित कर अपना काम करते हैं।
सोनौली सीमा पर 10 वर्षों में पकड़े गए कई आतंकी
सोनौली सीमा पर बीते 10 वर्षों में आतंकी गतिविधि में शामिल लोग भी पकड़े जा चुके हैं। जिनमें लियाकत अली, शमशुल होदा, याकूब मेमन, बिलाल अहमद बट, नूर बक्श, मुज़्तबा, दाऊद राथर, अशरफ ठाकुर, मुस्तफा हुसैन, वशीर अहमद, गुलाम मयुद्दीन, अब्दुल रशीद, बशीर, शब्बीर अहमद, इस्माइल, खालिद मीर व सईद शामिल हैं। 2012 से 14 के बीच करीब 100 से अधिक जम्मू के नागरिकों को भी पकड़ा गया था।