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नेपाल बार्डर नौतनवा आ रहा 85लाख रुपया गायब ,हवाला के धंधेबाज से 50 लाख ले लिए, लिखा-पढ़ी नहीं- चौकी इंचार्ज निलंबित


रतन गुप्ता उप संपादक
85लाख घटना के बाद नौतनवा में भी रविवार को रात बनैनिया माता मंदिर के पास चेकिंग हुआ था जिसमें नौतनवा पुलिस को हवाला का बड़ा बैग मिला था जो करोड़ों का कैश था । जिस सफेद रंग की कार थी वह सोने का बहुत बड़ा व्यापारी का मैनेजर था ,नौतनवा में कार से बरामद कैस की बरामदगी की चर्चा हो रही है आप को बता दें की घटना नौतनवा बार्डर क्षेत्रो में कैस बरामदगी का हुआ है नौतनवा पुलिस हजम कर गई है । कैस को ले इस समय चुनाव क मौसम में मालामाल हो रही है नौतनवा पुलिस ।
दुसरी तरफ गोरखपुर एसएसपी ने विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं, लेकिन मामले में लिखा-पढ़ी नहीं होने और किसी वादी के सामने नहीं आने की वजह से अभी तक इसमें कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकी है। न ही पुष्टि हो सकी है कि रकम कितनी थी और कितने की हेराफेरी हुई है। ऐसा इसलिए कि बरामदगी एक रुपये की भी नहीं हो सकी है।

कोतवाली इलाके में वाहन चेकिंग के दौरान पकड़ी गई रकम में 50 लाख की हेराफेरी का मामला सामने आया है। पुलिस पर आरोप है कि उसने हवाला के धंधेबाज से 85 लाख रुपये पकड़े, लेकिन 35 लाख वापस कर एनकाउंटर की धमकी देकर छोड़ दिया।

हालांकि धंधेबाज ने कोई शिकायत नहीं की है, लेकिन मामला संज्ञान में आया तो एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बेनीगंज के चौकी इंचार्ज आलोक सिंह को निलंबित कर विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं।

एसएसपी ने विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं, लेकिन मामले में लिखा-पढ़ी नहीं होने और किसी वादी के सामने नहीं आने की वजह से अभी तक इसमें कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

न ही पुष्टि हो सकी है कि रकम कितनी थी और कितने की हेराफेरी हुई है। ऐसा इसलिए कि बरामदगी एक रुपये की भी नहीं हो सकी है।

जानकारी के मुताबिक, शाहमारूफ में दुकान चलाने वाला एक व्यापारी हवाला के धंधे से जुड़ा है। चर्चा है कि वह देवरिया जिले के एक प्रभावशाली जनप्रतिनिधि के रुपये लेकर रविवार को नेपाल बॉर्डर पर किसी को देने के लिए निकला था। इस दौरान जरिए मुखबिर पुलिस को सूचना मिली कि गाड़ी से 85 लाख रुपये लाए जा रहे हैं।

इस सूचना पर बेनीगंज चौकी प्रभारी आलोक सिंह ने चेकिंग की। एक कार से रुपये बरामद भी कर लिए। लेकिन, उन्होंने इसकी सूचना न तो अपने थानेदार को दी और न ही किसी अन्य अफसर को। आरोपी को बिना लिखा-पढ़ी के छोड़ भी दिया।

बताया जा रहा है कि चौकी इंचार्ज का इसके पीछे का तर्क है कि एक पैरवी पर धंधेबाज को छोड़ा, लेकिन इसके बाद से ही पुलिस पर 50 लाख रुपये की हेराफेरी का आरोप लगने लगा। अफसरों तक को यह बताया गया कि 85 लाख रुपये में से 50 लाख पुलिस ने रख लिए और धंधेबाज को एनकाउंटर की धमकी देते हुए 35 लाख रुपये लौटाकर उसे भगा दिया।
चर्चा है कि हवाला के रुपये होने की वजह से धंधेबाज ने भी इस डर से शिकायत नहीं की कि आयकर समेत अन्य जांच भी हो सकती है। खबर है कि पुलिस की एक टीम इस पूरे प्रकरण की गोपनीय जांच कर रही है।

एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि पुलिस के पास किसी ने भी रुपयों की हेराफेरी से संबंधित शिकायत नहीं की है। दरोगा की लापरवाही का मामला सामने आया है, जिस आधार पर उन्हें निलंबित कर विभागीय जांच के निर्देश दिए गए

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