रतन गुप्ता उप संपादक
गोरखपुर। राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की कार्रवाई से डरे हिंदी बाजार के तीन धंधेबाज बाजार से लापता हैं। इनमें एक अवैध सोने से हवाला कारोबार के रैकेट का कुरियर है, जो पिछले दिनों 50 लाख रुपये वाले मामले में सबसे अहम कड़ी है। इधर, क्राइम ब्रांच और दूसरी तरफ डीआरआई की कार्रवाई से सहमे इस बिचौलिए ने दुकान की शटर गिरा दी है।
सूत्रों ने बताया कि हिरासत में लिए आरोपी ने अवैध सोने के साथ हवाला के नेटवर्क के जानकारी दी है। इसमें देवरिया से सिद्धार्थनगर और दिल्ली तक के कारोबारियों के बड़े सिंडिकेट का पूरा रैकेट है। बाजार से दुकान बंद करने वाला दूसरा व्यापारी महाराजगंज जिले से आकर गोरखपुर हिंदी बाजार में धंधा करता है। इसके एक भाई को देश की केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार किया था।
तीसरा, बाजार का एक व्यापारी है, जो अपने परिवार की ओर से एक वैवाहिक आयोजन से बाजार की चर्चा में आ गया था। बाजार के सभी व्यापारियों को शादी में आमंत्रित किया था। इसमें उसके जानने वाले और बाजार के दूसरे व्यापारी भी थे। बाजार के सूत्रों ने बताया कि हवाला और सोने का अवैध धंधा कर धंधेबाज ने कम समय में ही अपना एक आर्थिक रसूख तैयार कर लिया है।
एक वैवाहिक कार्यक्रम में इस व्यापारी ने करोड़ों रुपये खर्च कर दिए थे। वैवाहिक आयोजन में शादी का गेट सिर्फ ढ़ाई लाख रुपये से अधिक का था। तीन साल पहले की शादी में उसने 30 लाख रुपये की गाड़ी भी उपहार में दी थी। बाजार में इसे लेकर चर्चा इसलिए भी होती है कि वह बाजार के सामान्य वर्ग बिरादरी से अलग हटकर है और कम समय में ही उसने अपने अवैध धंधे को फैला लिया है।
फिलहाल, ये तीनों व्यापारी डीआरआई की पकड़ से दूर हैं। बक्शीपुर के पास एक व्यापारिक कटरे से अवैध सोने और हवाला का धंधा करने वाले पर भी एजेंसी की नजर है। पिछले दिनों जांच एजेंसी ने इसे ट्रेन से अवैध सोने के साथ हिरासत में लिया था।
कौड़ीराम के एक व्यापारी पर भी नजर
कौड़ीराम के सराफा व्यापारी का अवैध सोने का काम नहीं है, लेकिन आस-पास के जिलों से चोरी के सोने के आभूषणों को यहां के व्यापारी खरीदते हैं। कुछ दिन पहले पहले जांच एजेंसी के साथ पुलिस की टीम को भी सूचना मिली थी। लेकिन, मामला ठंढे़ बस्ते में चला गया।
क्राइम ब्रांच के रडार पर सात, उलझे सभी
क्राइम ब्रांच के रडार पर छह लाख रुपये गबन करने के मामले में सात लोगों के नाम की चर्चा है। जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि एक अधिकारी ने बाकायदा डायरी में इन सातों के नाम को दिखाया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्राइम ब्रांच और पुलिस इसलिए थोड़ी सुस्त है, क्योंकि मुख्य वादी और अन्य सामने नहीं आ पा रहे हैं।
इसी बीच 50 लाख रुपयों के साथ दरोगा और प्रिंस के साथ कई नाम सलाहकार के तौर पर सामने आ रहे हैं। तीन नाम पहले से ही चल रहा था। इसके अलावा एक इंस्पेक्टर, एक प्रभावशाली नेता, हिंदी बाजार के व्यापारी, इनके नाम भी सामने जांच टीम के सामने आ गए हैं।