रतन गुप्ता उप संपादक
सोनौली सीमा से बृहस्पतिवार देर रात जांच के दौरान एक ईरानी नागरिक फर्जी भारतीय वीजा और अनधिकृत तरीके से सीमा पार करने के प्रयास में गिरफ्तार कर लिया गया। आव्रजन अधिकारी की तहरीर पर उसके खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार, बृहस्पतिवार रात एसएसबी के सहायक कमांडेंट अमित कुमार, आव्रजन अधिकारी उमेश कुमार और चौकी प्रभारी सोनौली अनध कुमार सीमा पर जांच कर रहे थे। रात करीब दस बजे भारत से नेपाल जाने के प्रयास में एक युवक को संदेह के आधार पर रोका।
पूछताछ के दौरान उसने अर्जेंटीना का पासपोर्ट दिखाया, जिसमें उसका नाम लियो पुत्र तरेस था। उसने भारतीय वीजा भी दिखाया। उसके पासपोर्ट पर नौ मई 2024 का सोनौली इमीग्रेशन कार्यालय की मुहर लगी थी, जबकि इमीग्रेशन कार्यालय से नौ मई की तिथि में अर्जेंटीना के किसी नागरिक के आगमन/प्रस्थान का कोई विवरण दर्ज नहीं था।
इस पर अफसरों को संदेह हुआ तो वह विदेशी व्यक्ति को इमीग्रेशन कार्यालय ले गए। वहां कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसका नाम यघोउब वरदन है और वह गोलस्तान ईरान का नागरिक है। उसके पास से इरानी पासपोर्ट भी बरामद हुआ, जिसके अनुसार, वह 19 मार्च 2024 को वीजा संख्या VL04996189 पर भारत (नई दिल्ली एयरपोर्ट) आया था, जो 30 दिन के लिए मान्य था।
यघोउब के ईरान के पासपोर्ट पर जारी वीजा की अवधि समाप्त हो जाने के कारण वह अर्जेंटीना के पासपोर्ट पर पूर्व में जारी एक वीजा लगा कर नेपाल जाने की कोशिश में था। वह वीजा इटली के एक नागरिक मसीमो पस्क्विनी को जारी किया गया था जो 25 अगस्त 2014 को ही समाप्त हो चुका था। इस पर अधिकारियों ने यघोउब को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
क्षेत्राधिकारी नौतनवा जयप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि ईरानी नागरिक को भारत में अनधिकृत तरीके से रहने, वास्तविक पहचान छुपाने तथा फर्जी भारतीय वीजा और फर्जी अराइवल/डिपार्चर स्टांप लगाकर अनधिकृत तरीके से सीमा पार करने के प्रयास में गिरफ्तार किया गया है। आव्रजन अधिकारी की तहरीर पर केस दर्ज किया गया