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20 मई को नेपाल के पीएम प्रचंड को खुद को 21 साबित करने की चुनौती, चौथी बार हासिल करना होगा विश्वासमत


रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड 20 मई को चौथी बार विश्वासमत हासिल करने की चुनौती का सामना करने वाले हैं। वह 2022 में नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे। तब से कई सहयोगी पार्टियों ने एक के बाद एक करके उनसे समर्थन वापस ले लिया।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के सामने दो वर्षों में चौथी बार विश्वास मत हासिल करने की चुनौती सामने आ गई है। 20 मई को उन्हें सदन में खुद को 21 साबित करना होगा। दरअसल प्रचंड सरकार में सहयोगी कई पार्टियों ने एक के बाद एक करके अपना समर्थन वापस ले लिया। इसलिए प्रचंड के सामने यह चुनौती पेश हुई है। प्रचंड ने भरोसा जताया है कि वह सोमवार को प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत जीत जाएंगे।

एक गठबंधन सहयोगी द्वारा उनकी सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद उन्हें विश्वास मत का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व गुरिल्ला नेता प्रचंड (69) नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) से संबंधित हैं। यह पार्टी प्रतिनिधि सभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। वह पद संभालने के 18 महीने के भीतर चौथी बार संसद में विश्वास मत हासिल करेंगे। उन्होंने 25 दिसंबर 2022 को पद संभाला था। प्रधानमंत्री प्रचंड ने शनिवार को काठमांडू में सत्तारूढ़ पार्टी के एक कार्यक्रम में कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि मेरी सरकार शक्ति परीक्षण में सफल रहेगी।

मतभेदों को सुलझाने की कही बात
पीएम प्रचंड ने कहा, “सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी दलों के बीच मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा।” प्रधानमंत्री जिस पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं यदि वह विभाजित हो जाती है या गठबंधन सरकार का कोई सदस्य समर्थन वापस ले लेता है तो प्रधानमंत्री को 30 दिन के भीतर विश्वास मत हासिल करना आवश्यक होता है। जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) ने पिछले हफ्ते गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था। नयी सरकार को विश्वास मत जीतने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 मतों की आवश्यकता है।

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