रतन गुप्ता उप संपादक
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री के हेलिकॉप्टर क्रैश की घटना को 48 घंटे से अधिक हो चुके हैं, अब अमेरिका ने इस मामले में एक बड़ा खुलासा किया है.
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के मामले में अमेरिका का सबसे बड़ा खुलासा, 48 घंटे बाद कबूला- हां, हमने…
ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के अचानक निधन होने से पूरी दुनिया सदमे में है. वहीं ईरान में शोक की लहर है. हजारों लोग अपने राष्ट्रपति और उनके दल के सदस्यों के जनाजे के लिए मंगलवार को सड़कों पर दिखाई दिए. ईरान में पांच दिन का राष्ट्रीय शोक मनाया जा रहा है. रईसी और विदेश मंत्री की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत के बाद कई देशों ने दुख जाहिर किया है और ईरान के साथ इस दुख की घड़ी में खड़े रहने की बात भी कही है. इस बीच अमेरिका ने इस मामले में एक खुलासा किया है.
अमेरिका ने किया खुलासा
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री के हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद ईरान इतना बेबस हो गया कि उसने अपने दुश्मन अमेरिका से भी मदद की मांग की थी. अमेरिकी विदेश विभाग ने खुलासा किया है कि ईरान ने रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद अमेरिका से मदद मांगी थी. लेकिन हां, हमने मदद नहीं की. 1979 की इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान और अमेरिका का कूटनीतिक संबंध नहीं रहा है.
प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मीडिया को बताया कि ईरानी सरकार ने हमसे सहायता की मांग की थी. उन्होंने आगे कहा जैसे हम दूसरे देशों की मुसीबत के समय मदद करते हैं, वैसे ही ईरान की भी करना चाहते थे. लेकिन “लॉजिस्टिक कारणों” से हम मदद करने में असमर्थ थे. हालांकि मिलर ने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है.
सोमवार को मौत की पुष्टि
मिलर ने आगे बताया “मैं विवरण में नहीं जा रहा हूँ, लेकिन ईरानी सरकार ने हमसे सहायता मांगी थी,” खराब मौसम के कारण बाधित रात भर के खोज अभियान के बाद, रईसी, अमीर-अब्दुल्लाहियन और अन्य शीर्ष अधिकारियों को सोमवार सुबह मृत घोषित कर दिया गया था. दर्जनों आपातकालीन बचाव दल पूर्वी अज़रबैजान प्रांत के पहाड़ी क्षेत्र में भेजे गए थे, जहां रविवार दोपहर दुर्घटना हुई थी.
अमेरिका ने और क्या कहा
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मिलर ने कहा, ‘मुझे कुछ चीजें कह लेने दीजिए. हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि हेलिकॉप्टर हादसे में मारे गए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ‘लगभग चार दशक तक ईरानी लोगों के दमन में एक क्रूर भागीदार थे. उनके कार्यकाल के दौरान कुछ सबसे बुरे मानवाधिकार हनन हुए.’ उन्होंने आगे कहा इसमें 1988 का वह क्रूर हत्याकांड भी शामिल है, जिसमें रईसी ने राजनैतिक विरोध में हजारों कैदियों को सामूहिक रूप से फांसी की सजा दी थी. मिलर ने आगे कहा कि ईरान एक नए राष्ट्रपति का चयन कर रहा है. हम ईरानी लोगों और मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष के लिए अपना समर्थन देते हैं.
कहां हुआ प्लेन क्रैश—
राष्ट्रपति रईसी अजरबैजान में किज कलासी और खोदाफरिन बांध का उद्घाटन करने गए थे. इस उद्घाटन के बाद वो तबरेज शहर की ओर जा रहे थे. तबरेज ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत की राजधानी है. इसी दौरान रास्ते में किसी जगह पर हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ. जहां हेलीकॉप्टर ने हार्ड लैंडिंग की, वो इलाका तबरेज शहर से 50 किलोमीटर दूर वर्जकान शहर के पास है. जिस जगह हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, वहां काफी धुंध बताई थी. बचाव दल के साथ मौजूद एक रिपोर्टर ने बताया कि पहाड़ी और इस घने जंगल में विजिबिलिटी सिर्फ पांच मीटर तक की ही थी.
मौत या हत्या, उठ रहा सवाल?
‘द इकोनॉमिस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई ईरानियों का कहना है कि इस दुर्घटना के पीछे इजरायल हो सकता है. यह कॉन्सपिरेसी थ्योरी इसलिए भी सामने आ रही है क्योंकि गाजा में चल रहे इजरायली हमले के बीच कुछ समय पहले ईरान ने इजरायल पर हमला कर दिया था.
इजरायल ईरान में विवाद
इजरायल ने तब कहा था कि ईरान को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. इजरायल ने अप्रैल की शुरुआत में सीरिया की राजधानी दमिश्क में एयरस्ट्राइक किया था जिसमें ईरान के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा जेहादी की मौत हुई थी.
जेहादी ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के सीनियर कमांडर थे.अब कई ईरानी यह कह रहे हैं कि रईसी की मौत के पीछे भी इजरायल का हाथ है. हालांकि, इजरायल ने कभी ईरान के राष्ट्रप्रमुखों को निशाना नहीं बनाया है. रईसी के मामले पर कहा कि इस हादसे में हमारी कोई भूमिका नहीं है