रतन गुप्ता उप संपादक
जंगल से अवैध कटान को लेकर डीएफओ का तेवर काफी सख्त है। अब वन विभाग की तरफ से पांच अज्ञात चोरों के साथ ही आराम मशीन संचालक असलम और यूसुफ के खिलाफ भी केस दर्ज कराया गया है। इससे पहले लापरवाही मिलने पर पिछले दिनों एसडीओ फरेंदा की तहरीर पर निलंबित रेंजर प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, वन दरोगा रामअचल और वन रक्षक गोविंद यादव के खिलाफ सरकारी धन के गबन और वन अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया था। डीएफओ ने बताया कि अभी और भी कार्रवाई की जाएगी। यह केस वन रक्षक की तहरीर पर दर्ज किया गया है।
वन विभाग के एसडीओ हरिनारायण यादव ने कैंपियरगंज थाने में तहरीर देकर केस दर्ज कराया कि 17 मई को वन कटान में सागौन व साखू की लकड़ी बरामद हुई थी। जांच की गई तो साखू के चार व सागौन के पांच बूट मिटाने में निलंबित रेंजर प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, वन दरोगा रामअचल व वनरक्षक गोविंद यादव की संलिप्तता पाई गई। इसी आधार पर कैंपियरगंज पुलिस ने धारा 409 व 26 फाॅरेस्ट एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इसके अलावा मंगलवार को वन विभाग ने गिरफ्तार किए गए वन तस्करों के खिलाफ भी केस दर्ज कराया था।
दरअसल, कैंपियरगंज इलाके में पेड़ों के अवैध कटान के मामले आए दिन सामने आ रहे थे। वन विभाग मुखबिरों की सूचना के आधार पर वन तस्करों की तलाश कर रही थी। सूचना मिली कि अवैध कटान के खेल में क्षेत्र के कई हिस्ट्रीशीटर शामिल हैं जो विभाग के कर्मियों की मदद से कटान करा रहे हैं। करीब एक सप्ताह पहले वन विभाग को वन क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में साखू और सागौन के 52 बोटे मिले। बीते सोमवार को साखू और सागौन के 30 बोटे मिलने के बाद डीएफओ विकास यादव ने वन रेंजर, वन दरोगा सहित फॉरेस्ट गार्ड गोविंद यादव को निलंबित कर दिया था।
जांच में पाया गया कि आरा मशीन संचालक के साथ विभाग के कुछ लोगों की मिलीभगत के साथ ही पेड़ों की अवैध कटान की जा रही थी। डीएफओ ने सबसे पहले क्षेत्र की तीन आरा मशीन को सीज करवाया। मामले में तीन सदस्यीय कमेटी ने जांच भी शुरू कर दी है। इलाके में 80 से 90 साल पुराने साखू और सागौन के पेड़ लगे हैं। वन तस्कर इनको कटाने में जुटे हैं। डीएफओ विकास यादव ने बताया कि बृहस्पतिवार को अज्ञात चोरों के अलावा आरा मशीन संचालक के खिलाफ भी केस दर्ज करवाया गया है। जांच की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।