लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के मायावती ने चलाया ऑपरेशन क्‍लीन, कई बसपा नेताओं की हुई छुट्टी


रतन गुप्ता उप संपादक
बहुजन समाज पार्टी में कई नेताओं को बाहर का रास्‍ता दिखाया गया है. पार्टी प्रमुख मायावती किसी को माफ करने के मूड में नहीं हैं. पार्टी प्रवक्‍ता ने कहा है कि कई पदाधिकारियों को पार्टी से ही बाहर कर दिया गया.

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने ऑपरेशन क्लीन शुरू किया है. इसके तहत कौशांबी सीट के पार्टी प्रत्याशी समेत कई पदाधिकारियों को बीएसपी से बाहर निकाला गया है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रह सकती है. फिलहाल कई नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में बीएसपी से बाहर निकाला गया है. कौशांबी सीट से पार्टी के उम्मीदवार शुभ नारायण गौतम को नतीजे आने के 5 दिन बाद बीएसपी से निष्कासित किया गया है.

शुभ नारायण गौतम रिटायर्ड डिप्टी एसपी हैं. उन्हें चुनाव में सिर्फ 55 हजार वोट ही मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई. आरोप है कि नामांकन के बाद शुभ नारायण गौतम ने प्रचार नहीं किया और इसी वजह से सुरक्षित सीट पर भी उनकी जमानत जब्त हो गई. इसके साथ ही प्रयागराज और मिर्जापुर मंडल के प्रभारी अशोक गौतम को भी पार्टी से निकाल दिया गया है. आरोप है कि अशोक गौतम ने ही शुभ नारायण गौतम को कौशांबी से टिकट दिलाया था. इधर, बीएसपी ने इलाहाबाद के जिला अध्यक्ष को भी बदल दिया है. जिलाध्यक्ष आर बी त्यागी को हटाकर पंकज गौतम को जिम्मेदारी दी गई है.

2027 विधानसभा चुनाव के लिए जुटी बसपा, यूपी में बनाए 4 सेक्‍टर्स
पार्टी के अनुसार आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को लेकर अभी से तैयारियों में जुट गई है. बसपा ने पूरे प्रदेश का चार सेक्टरों में बांट दिया है. लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब बहुजन समाज पार्टी आगे कोई गलती नहीं करना चाहती. बसपा की नजर 2027 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव पर हैं. इसे देखते हुए पार्टी ने संगठन में बड़े बदलाव किए हैं. ऐसे नेता और पदाधिकारी जिनकी शिकायतें थी उनको बाहर का रास्‍ता दिखाया जा रहा है.

क्षेत्र के हिसाब से नए नेताओं को मिलेगी जिम्‍मेदारी
पश्चिमी यूपी में मुनकाद अली, मुरादनगर मंडल में गिरीश चंद्र जाटव, बुलंदशहर में राजकुमार गौतम और मेरठ में दारा सिंह प्रजापति को कमान दी गई है. ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्र में संगठन का काम देखेंगे. इसमें नए कार्यकर्ताओं को जोड़ने और सक्रिय पुराने कार्यकर्ताओं को नई जिम्‍मेदारियां देकर पूरे संगठन को सक्रिय करेंगे. पार्टी अपने समर्थकों को एक बार फिर से जोड़ने का काम करेगी

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