रतन गुप्ता उप संपादक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में सोमवार को मंत्रियों के विभागों को बंटवारा कर दिया गया है. इसमें सरकार के बड़े विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और गृह, रक्षा, विदेश और वित्त जैसे टॉप चार मंत्रालयों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. विभागों के इस बंटवारे पर विपक्षी दलों ने तंज कसा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में सोमवार को मंत्रियों के विभागों को बंटवारा कर दिया गया है. इसमें सरकार के बड़े विभागों में कोई बदलाव नहीं किया गया है और गृह, रक्षा, विदेश और वित्त जैसे टॉप चार मंत्रालयों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. नरेंद्र मोदी सरकार में अमित शाह को एक बार फिर से गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं राजनाथ सिंह के पास रक्षा मंत्रालय का जिम्मा बना रहेगा. एस जयशंकर विदेश मंत्री और निर्मला सीतारमण के पास वित्त मंत्रालय का जिम्मा बना रहेगा.
तेजस्वी-उमर ने कसा तंज—
नरेंद्र मोदी की मंत्रिपरिषद में विभागों के बंटवारे पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सवाल उठाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘मंत्रालय बंटवारे में बिहार को कहीं न कहीं से झुनझुना थमाया गया है.’
नई दिल्ली से सोमवार शाम ही पटना पहुंचे तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सवाल पर जवाब में कहा कि बहुत चर्चा हो रही थी कि यह विभाग मिलेगा, वह विभाग मिलेगा. लेकिन, आखिरकार मोदी सरकार में बिहार के मंत्रियों को झुनझुना थमा दिया गया है. उन्होंने कहा कि बिहार इस बार सरकार में निर्णायक भूमिका में है. नीतीश कुमार चाहें तो इस बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल सकता है. साथ ही जातिगत जनगणना और आरक्षण की सीमा 75 प्रतिशत तक बढ़ाने की भी मांग को आगे बढ़ाना चाहिए.
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उधर नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को दावा किया कि बीजेपी ने नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सहयोगी दलों को अहम मंत्रालय नहीं दिए. उमर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘एनडीए में सहयोगी दलों का दिल्ली की सत्ता के गलियारों में कोई खास असर नहीं दिख रहा. सहयोगियों को बचे-खुचे विभाग मिले हैं, क्योंकि बीजेपी ने कोई भी काम का मंत्रालय छोड़ा ही नहीं है. अब आप शर्त लगा लीजिए कि स्पीकर की पोस्ट भी बीजेपी के पास ही रहने वाली है’
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तेजस्वी और उमर अब्दुल्ला के इन आरोपों के बाद सवाल उठता है कि मोदी मंत्रिपरिषद में एनडीए के सहयोगी दलों को आखिर क्या-क्या मिला है. नरेंद्र मोदी सरकार में एनडीए के घटक दलों को पांच कैबिनेट मंत्री के पद मिले हैं. वहीं दो स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और चार राज्य मंत्री बनाए गए हैं.
इसमें जनता दल यूनाइटेड के राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) को पंचायती राज मंत्रालय; मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान को उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय, जेडीएस सांसद एचडी कुमारास्वामी को भारी उद्योग एवं इस्पात, जीतन राम मांझी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय, टीडीपी सांसद के. राम मोहन नायडू को नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिला है.
मोदी मंत्रिपरिषद में एनडीए सहयोगियों को क्या-क्या मिला
तेलुगू देशम पार्टी से किंजरापु राम मोहन नायडू: नागरिक उड्डयन मंत्री
जनता दल (सेक्युलर) से एचडी कुमारस्वामी: भारी उद्योग मंत्री, और इस्पात मंत्री
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से चिराग पासवान: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से जीतन राम मांझी: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री
जनता दल (यूनाइटेड) से राम नाथ ठाकुर: कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
जनता दल (यूनाइटेड) से राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह: पंचायती राज मंत्री, और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री
तेलुगु देशम पार्टी से डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी: ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री, और संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री
शिवसेना से प्रतापराव गणपतराव जाधव: आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया से रामदास अठावले: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
राष्ट्रीय लोक दल से जयंत चौधरी: कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), तथा शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
अपना दल (सोनीलाल) से अनुप्रिया पटेल: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री, तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री