थोक महंगाई दर मई में 2.61% बढ़ी,सब्जी-दाल सहित खाद्य पदार्थों के भाव सातवें आसमान पर


रतन गुप्ता उप संपादक
मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति पिछले महीने 1.26 प्रतिशत थी।
थोक महंगाई में पिछले तीन महीनों से लगातार तेजी का रुख रहा है।
मई में थोक महंगाई दर में 2.61 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ऐसा लगातार तीसरे महीने हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा सब्जियों और खाद्य पदार्थों की महंगाई ने भूमिका निभाई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति पिछले महीने 1.26 प्रतिशत थी। मई 2023 में यह (-) 3.61 प्रतिशत थी। पीटीआई की खबर के मुताबिक, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि मई, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

पिछले महीने 1.26 प्रतिशत थी थोक महंगाई
खबर के मुताबिक, थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति पिछले महीने 1.26 प्रतिशत थी। मई 2023 में यह (-) 3.61 प्रतिशत थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि मई, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।

खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति 9.82 प्रतिशत बढ़ी
मंत्रालय ने आंकड़ों में बताया कि मई में खाद्य पदार्थों की महंगाई 9.82 प्रतिशत बढ़ी, जबकि अप्रैल में यह 7.74 प्रतिशत थी। मई में सब्जियों की महंगाई 32.42 प्रतिशत रही, जो पिछले महीने 23.60 प्रतिशत थी। इसी तरह, प्याज की मुद्रास्फीति 58.05 प्रतिशत रही, जबकि आलू की मुद्रास्फीति 64.05 प्रतिशत रही। मई में दालों की मुद्रास्फीति 21.95 प्रतिशत बढ़ी। ईंधन और बिजली क्षेत्र में मुद्रास्फीति 1.35 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 1.38 प्रतिशत से मामूली कम है। विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति 0.78 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में (-) 0.42 प्रतिशत से अधिक है।

खुदरा मुद्रास्फीति के उलट हैं थोक महंगाई के आंकड़े
मई 2024 में थोक मूल्य सूचकांक यानी थोक महंगाई में बढ़ोतरी के आंकड़े मई में ही खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के विपरीत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गई, जो एक साल का न्यूनतम स्तर है। आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में लगातार आठवीं बार ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया।

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