पेंशन घोटाले के आरोपी समाज कल्याण अधिकारी शंकर लाल की सेवा कल होगी समाप्त अब क्या होगा


रतन गुप्ता उप संपादक

महराजगंज। औरैया जिले में तैनाती के दौरान पेंशन घोटाले के आरोपी समाज कल्याण अधिकारी शंकर लाल कई माह से अनुपस्थित चल रहे हैं। उनकी सेवा 16 जून से समाप्त हो जाएगी। इस संबंध में शासन से पत्र आया है। पत्र में उनको गैर हाजिर होने का जिक्र करते हुए तीन माह में सेवा समाप्त होने का जिक्र है।

जानकारी के अनुसार, औरैया जिला समाज कल्याण कार्यालय में वर्ष 2017 से 2021 तक वृद्धावस्था पेंशन के 558 लाभार्थियों के खाते बदलकर 65 लाख 82 हजार 700 रुपये का घोटाला किया गया था। दिसंबर 2021 में जब इस मामले की भनक अधिकारियों को लगी तो अभिलेख खंगाले जाने लगे थे। मामले में तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी शंकर लाल समेत अन्य को दोषी पाया गया था। मामले की जांच चार सदस्यीय टीम ने की। इसमें पाया गया कि लाभार्थियों के खाते बदले गए। जांच में दोषी पाए जाने के बाद दो कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई थी

वहीं निदेशक समाज कल्याण ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की थी। जांच अधिकारी ने विभाग से घोटाले से जुड़े प्रपत्र मांगे थे। इसमें कुछ अभिलेख अधूरे उपलब्ध कराए गए। इसको लेकर जांच अधिकारी ने एक बार फिर से जिला समाज कल्याण अधिकारी को पत्र भेजकर बताया कि उन्हें बिना हस्ताक्षर के अभिलेख उपलब्ध कराए गए थे। इसके साथ ही खाताधारकों की जो सूची उपलब्ध कराई गई है वह भी सत्यापित नहीं है। मामले को लेकर जनवरी में पुलिस टीम महराजगंज जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में पहुंची थी तभी से उनका पता नहीं लग रहा है।

अलीगढ़ में तैनाती के दौरान हुए निलंबित

21 जुलाई 2009 को उत्तर प्रदेश सरकार ने अलीगढ़ के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी शंकर लाल को निलंबित कर दिया गया था। वह अक्सर बिना सूचना के कार्यालय से अनुपस्थित रहते थे। उन्होंने वृद्धावस्था पेंशन और छात्रवृत्ति योजना का कम्प्यूटरीकरण भी नहीं कराया था। उस वक्त तत्कालीन जिलाधिकारी अलीगढ़ की संस्तुति पर निलंबित किया गया था। वहीं कासगंज में तैनाती के दौरान भी समाज कल्याण अधिकारी वर्ष 2020 में कार्यालय में अनुपस्थित मिले थे। उस वक्त निरीक्षण में अनुपस्थित मिले थे तो तत्कालीन जिलाधिकारी ने कार्रवाई की थी।

जिला समाज कल्याण अधिकारी की सेवा 16 जून से समाप्त हो जाएगी। उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। तीन माह से उनका पता नहीं लग रहा है।
-संतोष कुमार राय, सीडीओ

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