रतन गुप्ता उप संपादक
गोरखपुर। जिले में बहने वाली नदियों पर बने तटबंधों के संवेदनशील कटान स्थलों पर बाढ़ खंड की तरफ से टेंडर कर उस पर कटान निरोधक कार्य कराया जा रहा है। सभी कार्यों को 15 जून तक पूरा किया जाना था, लेकिन कई स्थानों पर कार्य अभी पूरा नहीं हो पाया है। विभाग का दावा है कि जो भी कार्य कराए जाने थे वे कार्य सुरक्षित स्तर तक हो गए हैं।
जनपद में बहने वाले प्रमुख नदियों राप्ती, सरयू, रोहिन, गोर्रा पर बने तटबंध जिन स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गए थे उन स्थानों पर कटान निरोधक उपाय करने के लिए बाढ़ खंड की तरफ से टेंडर किया गया था। इसके लिए जिले में 26 स्थानों को चिन्हित किया गया था। जिन ठेकेदारों को टेंडर मिला उनसे कहा गया कि वह कार्य को 15 जून तक पूरा अवश्य करा लें। ऐसा माना जाता है कि 15 जून के बाद बाढ़ की आशंका बढ़ जाती है। विभाग का दावा है कि सभी कार्य सुरक्षित स्तर तक कराए जा चुके हैं। लेकिन, कई कार्य अब भी अधूरे हैं।
यह हैं कुछ प्रमुख कार्य
राप्ती नदी पर मलौनी तटबंध पर डुहिया गांव के निकट 657.86 लाख की परियोजना———
राप्ती नदी के तट पर नौसड़ कलानी तटबंध पर 167.7 लाख की परियोजना———-
गोर्रा नदी पर राजधानी सिलहटा तटबंध पर 625.08 लाख की परियोजना——
राप्ती नदी पर छितहरी-थुन्हीं तटबंध पर 249.61 लाख की परियोजना
राप्ती नदी के किनारे कनईल मझगांवा तटबंध पर 626.63 करोड़ परियोजना—–
राप्ती नदी पर कौड़ीराम-मनौली तटबंध 788.03 लाख की परियोजना——
बरहीपाथ तटबंध पर 626.30 लाख की परियोजना———
असवनपार-गहिराघाट तटबंध पर पूरे गांव के पास 437.55 लाख की परियोजना प्रमुख है——-
अब तक 90 प्रतिशत कार्य कराए जा चुके हैं। सभी कार्य सुरक्षित स्तर तक हो गए हैं। किसी तटबंध पर अभी तक खतरे की कोई बात नही है। जो भी कार्य बचे हुए हैं वह 25 जून तक पूरा करा लिए जाएंगे।
विकास कुमार सिंह, मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग