रतन गुप्ता उप संपादक
सोनौली और बढ़नी बार्डर तक भारतीय सीमा से सटे नेपाल कपिलवस्तु व रूपन्देही जिले में चीन फोरलेन हाईवे का निर्माण करने जा रहा है। यह सड़क पूर्व-पश्चिम राजमार्ग पर स्थित चंद्रौटा-गोरुसिंगे-बुटवल तक बनायी जा रही है। भारत के विशेषज्ञ द्वारा चीन द्वारा नेपाल में भारत से 20 किलोमीटर की दूरी पर सड़क बनाया जाना भारत के लिए चिंता का विषय माना जा रहा है। नेपाल सड़क विभाग के विकास सहायता कार्यान्वयन महाशाखा ने इसके निर्माण के लिए 13 अरब 55 करोड़ 65 लाख रुपये का ठेका किया है।
भारतीय सीमा से मात्र 20 किमी की दूरी पर 50 किमी लंबे चंद्रौटा-गोरुसिंगे-बुटवल फोरलेन हाईवे को बनाने के लिए चीनी कंपनी शानक्सी कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग ग्रुप कारपोरेशन और नेपाल के चितवन की आशीष कंस्ट्रक्शन सर्विसेज जेवी ने यह टेंडर पाया है। हाईवे निर्माण के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) की मदद से डिजाइन तैयार किया गया है।
दो फेज में किया जाएगा हाईवे का निर्माण
एडीबी निदेशक सुशील बाबू ढकाल ने बताया कि 25-25 किमी के दो फेज में हाईवे का निर्माण किया जाएगा। विकास सहायता कार्यान्वयन महाशाखा के उपमहानिदेशक डा. विजय जैसी ने बताया कि पहले फेज के तहत पूर्व-पश्चिम राजमार्ग स्थित बुटवल के 590 किमी से 615 किमी गोरुसिंगे तक की 25 किमी लंबाई का ठीका सात अरब 89 करोड़ 43 लाख रुपये और दूसरे फेज के तहत गोरुसिंगे के 615 किमी से 640 किमी पर चंद्रौटा तक का ठीका पांच अरब 66 करोड़ 22 लाख रुपये में किया गया है। यह बजट नेपाली रुपये में है।
सड़क निर्माण के साथ-साथ 30 छोटे पुलों का निर्माण किया जाएगा। विभिन्न स्थानों पर 155 पुलिया और छह अंडरपास और फ्लाई ओवर का भी निर्माण किया जाएगा। तिनाउ नदी पर एक सिग्नेचर ब्रिज बनाने की भी योजना है। इसके निर्माण के लिए तीन साल की समय सीमा निर्धारित की गई है।
भारतीय विशेषज्ञाें का मानना है कि परिवहन एवं व्यापार विकास के नाम पर शुरु किया जाने वाला यह इंफ्रास्ट्रक्चर वर्क भारत के लिए चिंता का विषय है। यह सड़क भारतीय सीमा से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके निर्माण से सीमावर्ती इलाकों तक चीन की पहुंच बढ़ जाएगी और इसका इस्तेमाल भारत के खिलाफ भी किया जा सकता है।
बुटवल से नारायण घाट तक फोरलेन बना रहा चीन
इसके अलावा बुटवल से नारायण घाट तक 113 किमी लंबे फोरलेन हाईवे को बनाने का ठेका चीनी कंपनी, चाइना स्टेट इंजीनियरिंग कारपोरेशन दो वर्ष ही ले चुकी है। जिसका निर्माण किया जा रहा है। उक्त सड़क भारत और चीन दोनों सीमाओं को छुएगी।