रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल में बच्चों को काम में रखनेवाले 15 उद्योग प्रतिष्ठान और रोजगारदाताओं के ऊपर श्रम तथा रोजगार कार्यालय हेटौडा ने कारवाही की है । कार्यालय प्रमुख छन्दनारायण श्रेष्ठ ने कहा है कि चालू आर्थिक वर्ष २०८०–०८१ की 10 महीनों में की गई अनुगमन के दौरान कई उद्योगों में बालश्रमिक मिल गए हैं । उनके अनुसार बाल श्रमिक रखनेवाले हर कम्पनियों को 37 हजार 700 रुपये की दर से जुरवाना ली गई है और विभिन्न उद्योगों से 22 बालश्रमिकों की उद्धार की गई है ।
कार्यालय प्रमुख श्रेष्ठ के अनुसार 1० महिनों की अवधि में लगभग 200 उद्योगों में अनुमगन की गई थी । उनमें से 15 उद्योग प्रतिष्ठान में बालश्रमिक मिल गए हैं । श्रेष्ठ ने यह भी कहा है कि अधिकांश उद्योग प्रतिष्ठान में काम करनेवाले श्रमिकों की पारिश्रमिक श्रम कानून के अनुसार नहीं है, कम दी गई है । उनके अनुसार काम करनेवालों को नियुक्तिपत्र, न्यूनतम पारिश्रमिक, सामाजिक सुरक्षा, व्यवसायजन्य सुरक्षा भी नहीं दी गई है । इस परिस्थितियों में सुधार करने के लिए उद्योग प्रतिष्ठान को निर्देशन दिया गया है ।
श्रेष्ठ के अनुसार चालू आर्थिक वर्ष में श्रम तथा रोजगार कार्यालय की ओर से मकवानपुर, चितवन और सिन्धुली में श्रम संबंधी जनचेतनामुलक कार्यक्रम किया गया है