यूपी में कांग्रेस का कमबैक! अब विधानसभा चुनाव से पहले बढ़ाएगी सक्रियता; पार्टी के कई नेताओं पर गिर सकती है गाज

रतन गुप्ता उप संपादक
लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त के बाद कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करने की तैयारी कर रही है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा देकर उत्तर प्रदेश के प्रति अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। अब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की नजर देश की सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले राज्य पर टिकी हुई है।

उत्तर प्रदेश में संगठन को और मजबूत करेगी कांग्रेस———-

राहुल गांधी के रायबरेली का प्रतिनिधित्व करने से कार्यकर्ताओं में उत्साह
विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी बढ़ाएगी अपनी सक्रियता

लोकसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित कांग्रेस उत्तर प्रदेश में अपने कमजोर हो चुके संगठन को नए सिरे से खड़ा करने का प्रयास कर रही है। Rahul Gandhi ने केरल की वायनाड सीट से त्यागपत्र देकर रायबरेली सीट का संसद में प्रतिनिधित्व करने का निर्णय कर कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार किया है।

आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी इसे बड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है। साढ़े तीन दशक से उत्तर प्रदेश में अपनी खोए जनाधार को तलाश रही कांग्रेस की उम्मीद जागी है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की निगाह भी अब उत्तर प्रदेश पर अधिक होगी

पदाधिकारियों को कांग्रेस ने सौंपी जिम्मेदारी——–
प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि राहुल गांधी के निर्णय से उत्तर प्रदेश कांग्रेस को बड़ी ताकत मिली है। प्रदेश कांग्रेस की मांग पर उन्होंने अपनी परंपरागत सीट को चुना है, जिससे पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं में उत्साह है। प्रदेश में संगठन को बूथ स्तर पर खड़ा करने के प्रयास निरंतर किए जा रहे हैं। पार्टी अभियान के तहत इसमें जुटी है और वरिष्ठ पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी साैंपी जा रही हैं।

हर जिले में नए कार्यकर्ताओं को जोड़ा जा रहा है। पार्टी मुख्यालय में बुधवार को राहुल गांधी का जन्मदिन मनाए जाने के साथ ही सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर विशेष आयोजन किए जाने की तैयारी है। कांग्रेसी निराश्रित महिलाओं के बीच जाकर खुशियां बांटेंगे।

पार्टी के कई नेताओं पर गिर सकती है गाज
लोकसभा चुनाव में अमेठी व रायबरेली (Raebareli Lok Sabha Seat) समेत छह सीटों पर कांग्रेस की जीत के बाद प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय व प्रदेश अध्यक्ष के लिए संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की चुनौती भी और बढ़ गई है। पार्टी के निष्क्रिय चेहरों को चिह्नित कर हटाने की तैयारी भी है।

माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की सक्रियता अब और बढ़ेगी। जिसके बाद प्रदेश कार्यकारिणी में कुछ नए चेहरे भी शामिल हो सकते हैं। इसके साथ ही कांग्रेस की सहयोगी दलों के साथ प्रस्तावित धन्यवाद यात्रा में भी राहुल गांधी की अधिक सक्रियता होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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