कौन है अयोध्या के महंत राजू दास? DM और संत में हुई झड़प…फिर जानें क्या हुआ!


रतन गुप्ता उप संपादक
अयोध्या में एक पार्टी विशेष की हार पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के साथ राजू दास मंथन कर रहे थे कि अचानक अयोध्या के जिलाधिकारी और राजू दास के बीच एक झड़प हो गई और उस झड़प के बाद राजू दास के सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया गया.

अयोध्या : एक बार फिर देश और प्रदेश में अयोध्या, हनुमानगढ़ी और राजू दास की चर्चा चल रही है. अयोध्या वैसे तो प्रभु राम की नगरी है और यहां पर हनुमानगढ़ी यानी प्राचीन सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी मंदिर स्थित है. जहां के एक पट्टी के महंत राजू दास है. राजू दास आए दिन विवादित बयानों के कारण मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं. एक बार फिर राजू दास पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुके हैं. तो चलिए आज हम आपको इस रिपोर्ट में बताते हैं कि जिस योगी सरकार में राजू दास की सुरक्षा में पुलिस के जवान तैनात नजर आते थे वे अचानक गायब क्यों हो गए.

वैसे तो महंत राजू दास की कहानी काफी लंबी है लेकिन आप को संक्षिप्त में बताते हैं. एक 4 साल के मासूम बालक को माता-पिता ने सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी को समर्पित कर दिया. वही बालक आज हनुमानगढ़ी के उज्जैनिया पट्टी के महंत संत रामदास के शिष्य है. 1999 में साकेत महाविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की. वक्त बदला, समय बदला महंत राजू दास हिन्दुत्व और राम मंदिर के प्रबल समर्थकों में गिने जाने लगे. अयोध्या में एक पार्टी विशेष की हार पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के साथ राजू दास मंथन कर रहे थे कि अचानक अयोध्या के जिलाधिकारी और राजू दास के बीच एक झड़प हो गई और उस झड़प के बाद राजू दास के सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया गया .

योगी आदित्यनाथ पर पूरा विश्वास
राजू दास ने कहा कि हिंदुत्व के लिए कार्य करने के नाते किसी को तकलीफ हो रही है इसलिए उन्होंने यह सुरक्षा हटाई गई है जो की दुखद है. कुछ विक्षिप्त मानसिकता के अधिकारी हैं जिनकी लोकतंत्र और संविधान में आस्था नहीं है. स्थानीय प्रशासन ने हमारी सुरक्षा भी वापस ली है लेकिन हमे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार पर विश्वास है.

अयोध्या
रची जा रही हत्या की साजिश
राजू दास ने कहा कि अयोध्या के व्यापारी और आम जनमानस की जो पीड़ा है वह किसके बीच रखा जाए. वहीं अपनी हत्या की आशंका को जताते हुए कहा कि आए दिन मुझे सोशल मीडिया पर तमाम धमकी मिलते रहती है. इसके बावजूद अधिकारियों ने सुरक्षा हटा लिया है. इसका यही मतलब होता है कि यह हत्या कराने की साजिश है. चुनाव में हार के बाद देशभर से हिंदुत्व को लेकर अपशब्दों का प्रयोग किया जा रहा है. जब यह बात लोगों के समक्ष रखा तो अधिकारी नाराज हो गए.

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