रतन गुप्ता उप संपादक
प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री व निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद के खिलाफ बृहस्पतिवार को सर्किट हाउस में बाघागाड़ा गांव के लोगों ने नारेबाजी और प्रदर्शन किया। शहर में आए मंत्री ने इस गांव के ताल को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्ष के अलावा अफसराें को भी बुलाया था। विवाद बढ़ता देख मत्स्य पालन मंत्री समर्थकों के साथ वहां से बहराइच के लिए निकल गए।
बाघागाड़ा गांव में ताल के पट्टे को लेकर मत्स्य जीवी सहकारी समिति और पट्टाधारक के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। कहा जा रहा है कि इसी गांव में मंत्री की रिश्तेदारी भी है। यह प्रकरण उनके संज्ञान में था। बृहस्पतिवार को सर्किट हाउस में मंत्री के सामने दोनों पक्ष पेश हुए। इस दौरान दूसरे पक्ष के ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे सर्किट हाउस से बाहर आ गए और मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे। लोग मंत्री के वाहन के सामने धरने पर बैठ गए। आरोप लगाया कि मंत्री एकतरफा फैसला कर रहे हैं। मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से पुलिस हरकत में आई। विवाद बढ़ता देख कबीना मंत्री वहां से बहराइच के लिए निकल गए।
तीन सदस्यीय कमेटी दो सप्ताह में देगी रिपोर्ट
सर्किट हाउस परिसर में मत्स्य मंत्री संजय निषाद के खिलाफ हुए धरना प्रदर्शन के प्रकरण में मंत्री की तरफ से बयान जारी कर बताया गया है कि वह सभागार में केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बाघागाड़ा मत्स्य जीवी सहकारी समिति में हुई वित्तीय अनियमितता के मुद्दे पर डिप्टी डायरेक्टर मत्स्य विभाग बृजेश से जवाब तलब किया गया। समिति के दोनों पक्षों को भी सर्किट हाउस बुलाया गया था। पूछताछ में यह तथ्य निकाल कर सामने आया कि मत्स्य जीवी सहकारी समिति के गठन में नियमों का पालन नहीं किया गया है। दूसरे पक्ष को आर्थिक लाभ देने के नाम पर 32 लाख रुपये सहकारी समिति की ओर से जमा करवाया गया, लेकिन ना तो उसे शिकारमाही (मछली पकड़ना) करने दी जाती थी और ना ही उनके रुपये लौटाए जा रहे थे। इस मामले में निदेशक मत्स्य को आदेश दिया गया है कि उच्च अधिकारियों की तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर मामले की जांच कराएं। कमेटी यह तय करेगी कि इस प्रकरण में दोषी कौन-कौन है। उसके आधार पर ही कार्रवाई होगी।
संविधान ने सभी को अपनी आवाज रखने का हक दिया है। मेरे विभाग के खिलाफ धरना-प्रदर्शन तब किया जाता, जब मैं किसी पक्ष को नजरअंदाज करता या मैं किसी पक्ष की नहीं सुनता। मेरे द्वारा जांच कमेटी गठन करने का आदेश दिया जा चुका है। कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर कार्रवाई होगी।
-संजय निषाद,
मत्स्य मंत्री