रतन गुप्ता उप संपादक
राज्य कर विभाग की एसटीएफ उत्तर प्रदेश के 1.5 लाख छोटे व्यापारियों के खाते खंगाल रही है। एसटीएफ ने 98000 व्यापारियों की एक लिस्ट तैयार की है। इनमें से 30 हजार व्यापारी ऐसे हैं जिन्होंने रजिस्ट्रेशन तो करवाया है लेकिन जीएसटी की अदायगी नहीं की है। 27 हजार व्यापारियों ने अपने खातों को अपडेट तो किया है लेकिन जीएसटी नहीं भर
GST न भरने वाले छोटे व्यापारियों की जांच तेज, रडार पर हैं 1.5 करोड़ तक का कारोबार करने वाले व्यापारी
विभाग ने 30,000 हजार व्यापारियों की लिस्ट की तैयार
खंगाले जा रहे 1.5 लाख छोटे व्यापारियों के खाते
30,000 व्यापारियों को भेजे जा रहे हैं जीएसटी के नोटिस
राज्य कर विभाग ने जीएसटी की अदायगी न करने वाले छोटे व्यापारियों की जांच तेज कर दी है। विभाग ने 30,000 व्यापारियों की सूची तैयार की है। जीएसटी जमा करवाने के लिए इन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। साथ ही व्यापार मंडलों से बात करके जीएसटी जमा करवाने के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
राज्य कर विभाग की एसटीएफ प्रदेश के 1.5 लाख छोटे व्यापारियों के खाते खंगाल रही है। एसटीएफ ने 98,000 व्यापारियों की सूची तैयार की है। इनमें से 30,000 व्यापारियों ने पंजीकरण तो करवाया है, लेकिन जीएसटी की अदायगी नहीं कर रहे हैं। 27,000 व्यापारियों ने अपने खातों को अपडेट तो किया है, लेकिन जीएसटी नहीं भरा है।
28,000 व्यापारियों ने इस साल नहीं भरा जीएसटी
28,000 व्यापारियों ने पिछले वर्ष जीएसटी की अदायगी की थी, लेकिन इस वर्ष उन्होंने भी जीएसटी नहीं भरा है। इन व्यापारियों ने समाधान योजना के तहत जीएसटी का पंजीकरण करवाया था। विभाग की कोशिश है कि उत्तर प्रदेश में जीएसटी भरने वालों की संख्या देश में सबसे ज्यादा हो।
योजना के तहत मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में पंजीकृत व्यापारियों को दो प्रतिशत, रेस्टोरेंट व ढाबा श्रेणी के व्यापारियों को पांच प्रतिशत, ट्रेडर्स व रिटेलर्स को एक प्रतिशत व अन्य को छह प्रतिशत की दर से जीएसटी का भुगतान करना होता है। इन्हें आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ नहीं मिलता है