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सोनौली हाईवे विकास की तेज रफ्तार में तबाही की आहट से लोगों में दहशत


रतन गुप्ता उप संपादक

महराजगंज। सोनौली हाईवे के निर्माण के दायरे में आने वाले मकान और दुकान तोड़ दिए गए। घरों के सामने से मिट्टी निकल ली गई, इससे दीवारें कमजोर हो गई हैं। बारिश होने से लोगों की चिंता बढ़ गई है कि कहीं मकान गिर न जाएं। करीब 40 मकान ऐसे हैं जो तेज बारिश में कभी भी गिर सकते है

शुक्रवार को भैया फरेंदा कस्बे में पहुंचने पर कई मकान के आधे हिस्से टूटे दिखे। बृहस्पतिवार को यहीं पर एक मकान बारिश में गिर गया था, इसे लेकर कस्बे में चर्चा की जा रही थी। लोग कार्यदायी संस्था को कसूरवार ठहराते हुए काम में लापरवाही बरतने की बात कह रहे थे। हाईवे सीधे नेपाल बॉर्डर पर जा रही है। जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहा है।

सबसे अधिक परेशानी भैया फरेंदा कस्बे में है। यहां करीब 40 दुकान और मकान दरक गए हैं। बारिश होने पर लोग सहम जा रहे हैं। मिट्टी की कटाई ऐसे की गई है घर के सामने गड्ढे बन गए हैं। कुछ लोग किनारे मिट्टी की भराई किए हैं, लेकिन इससे मजबूती नहीं मिल रही है। भैया फरेंदा के बीडी भारती का मकान भी दरक गया है। उन्होंने बताया कि बारिश आने पर डर लगता है।
आगे बढ़ने पर दिनेश मद्धेशिया मिले। उन्होंने बताया कि मकान कमजोर हो गया है। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। इनके मकान से आगे बढ़ने पर बुद्धिराम मिले। उन्होंने भी समस्याओं का हवाला देते हुए कहा कि बारिश होने पर डर लगता है की घर कहीं गिर न जाए। बेचन मद्धेशिया, संजय कुमार, विनोद व अशोक के मकान भी दरक गए हैं, इन सभी लोगों ने अपनी पीड़ा बताते हुए कार्यदायी संस्था की लापरवाही बयां की।

कुछ लोग मकान तोड़ कर गांव लौट गए
हाईवे चौड़ीकरण में 40 लोग बेघर हो गए। कुछ लोगों का तो आशियाना ही उजड़ गया। लोग किसी प्रकार से जीवन यापन कर रहे हैं। सड़क निर्माण के दौरान भैया फरेंदा चौराहे से करीब 300 दुकान व मकान समाप्त होने के कगार पर पहुंच गए। कुछ लोग मकान तोड़कर गांव लौट गए। भैया फरेंदा के लोगों को ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा। हाईवे निर्माण शुरू हुए करीब एक वर्ष हो गया है। सड़क के दोनों तरफ अधिग्रहण का कार्य तेजी से हुआ है। लोगों के मकान के सामने की मिट्टी की खुदाई कर दी गई, जिससे मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कार्यदायी संस्था की लापरवाही भी सामने आ रही है। मकान के सामने गड्ढा बनाकर काम में ढिलाई बरती जा रही है।

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