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नौतनवा क्षेत्र में मगरमच्छ से लड़कर छूटा पर अस्पताल पहुंचने में अटकी रही सांस


रतन गुप्ता उप संपादक

नौतनवा। थाना क्षेत्र के गांव सेमरहवा टोला बरतानी नदी में गए एक युवक को मगरमच्छ ने काटकर घायल कर दिया। परिजनों ने चारपाई पर लादकर नदी तक लाए और नाव से उसे रोहिन नदी पार कराया। तब जाकर उसे एंबुलेंस के माध्यम से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लक्ष्मीपुर में भर्ती कराया गया ।

शनिवार को दोपहर बाद करीब तीन बजे सेमरहवा गांव के बरतानी टोले के सुरेश राजभर 38 वर्ष गांव के पास रोहिन नदी पार कर रहे थे। इस दौरान मगरमच्छ ने उनके पैर में काट लिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। किसी तरह से वह मगरमच्छ से छुड़ाकर बाहर आए। जानकारी मिलने पर भीड़ जुट गई। नदी में बाढ़ आने के कारण गांव में वाहन व एंबुलेस नहीं जा पाया।

परिजन एंबुलेंस को कॉल करने के बाद घर से घायल को चारपाई पर लादकर रोहिन नदी के कुंअहवा पर नाव से नदी पार कर एंबुलेंस से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लक्ष्मीपुर में भर्ती कराया। उत्तरी चौक रेंज के डिप्टी रेंजर राकेश कुमार ने बताया कि मगरमच्छ के काटने की जानकारी नहीं है।

आवागमन के लिए सुलभ रास्ता नहीं
नौतनवा। तहसील क्षेत्र का गांव सेमरहवा आजादी से लेकर आज तक आवागमन सुगम होने का बाट जोह रहा है। यहां गांव में जाने के लिए बरसात के समय नाव ही एकमात्र सहारा है जिससे नदी पार कर गांव में जाया जा सकता है। गांव के लोगों को कोई इमरजेंसी सेवा का लाभ नहीं मिल पाता। ग्रामीणों को जान जोखिम में डाल नाव से नदी पार कर जाना मजबूरी है। भौगोलिक दृष्टि से सेमरहवा गांव काफी विषम है यह रोहिन और बघेला नदी के बीच में बसा हुआ है। यह गांव तीन तरफ से नदी और एक तरफ से जंगल से घिरा हुआ है। सेमरहवा खास, बरतानी, चराई और भठवा चार टोले हैं। बरसात के मौसम में गांव में जाने के लिए एक मात्र सहारा नाव ही है। गांव के लोगों को गांव से लगभग तीन किलोमीटर दूर पैदल चलकर कुंअहवा घाट तक आना पड़ता है। वहां से नाव से नदी पार कर धोतिअहवा गांव के चखनी चौराहे पर आना पड़ता है तब जाकर पिच मार्ग मिलता है। बरसात के समय सेमरहवा गांव के लोगों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। कोई बीमार होता है या किसी जंगली जानवर के घायल करने पर तथा गर्भवती महिलाओं को इलाज कराने जाने में काफी समस्या होती है

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