महराजगंज में घर बनने से पहले उजड़ी गृहस्थी, 11 महिलाएं आवास की किस्त ले प्रेमी संग गईं


रतन गुप्ता उप संपादक

महराजगंज के निचलौल ब्लॉक क्षेत्र के एक गांव से अजीबों-गरीब मामला सामने आया है। मकान बनने से पहले ही 11 लोगों की गृहस्थी ही उजड़ गई। प्रधानमंत्री आवास की पहली किश्त मिलते ही 11 महिलाएं पति को छोड़कर प्रेमी संग फुर्र हो गईं। महिलाओं को 40 हजार की पहली किस्त मिली थी। पीड़ितों ने विभाग के जिम्मेदारों से शिकायत कर दूसरी किश्त न भेजने की गुहार लगाई है। विभाग ने रकम वसूली के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सरकार ने आवासहीन लोगों के लिए पक्का मकान बनाने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना शुरू की है। ब्लॉक क्षेत्र के कुल 108 गांवों में वर्ष 2023-24 में 2350 लाभार्थियों का चयन हुआ था। इसमें से लगभग दो हजार से अधिक लाभार्थियों का आवास पूरा भी हो चुका है। इस योजना में महिलाएं भी लाभार्थी हैं। इसी के तहत ब्लॉक क्षेत्र के किशुनपुर, शीतलापुर, मेघौली, बकुलडीहा, रामनगर, ठूठीबारी, शीतलापुर खेसरहा, चटिया, बलहिखोर की 11 महिला लाभार्थियों के खाते में भी आवास की पहली किश्त भेजी गई थी। किश्त मिलते महिलाएं अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई हैं।
वहीं इन महिलाओं के पति अब तनाव में हैं। किश्त लेकर भागी महिलाओं के पति ने अधिकारियों से पत्नी के खाते में दूसरी किश्त न भेजने की गुहार लगाई है। पति को इस बात का डर सता रहा है कि किश्त की रकम वसूलने का नोटिस कहीं उनके नाम न जारी हो जाए। उन्हें उम्मीद थी कि सरकारी मदद से घर बन जाएगा, लेकिन घर बनने से पहले की उनकी गृहस्थी ही उड़ गई। हालांकि जांच के बाद मामले की उजागर होने पर कुछ लाभार्थियों का रकम रोक दिया गया है।

मामले को लेकर विभाग हुआ सक्रिय
पूरा मामला उजागर होने के बाद विभाग सख्त हो गया है। खंड विकास अधिकारी शमा सिंह ने बताया कि इन महिला लाभार्थियों को चिह्नित कर उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजा जा चुका है। उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद मामले में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

योजना की राशि का हो रहा दुरुपयोग
विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के अन्य ब्लाकों में भी प्रधानमंत्री आवास योजना की धनराशि केदुरुपयोग के कई मामले सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि कई लाभार्थी ऐसे हैं जिन्होंने रकम लेने के बाद भी मकान नहीं बनवाया है। किसी ने रकम को मांगलिक कार्यों में खर्च कर दिया है तो किसी ने बीमारी में। कुछ लाभार्थी आपराधिक मामलों में जेल में सजा काट रहे हैं, तो कुछ की मौत हो गई है

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