रतन गुप्ता उप संपादक
भारत -नेपाल बाॅर्डर के करीब सोनौली कस्बे में कई अवैध पार्किंग बने हैं। यहां देश के महानगरों के लिए सीधी बस सेवा मिलती है। नेपाल से आने वाले पर्यटकों को गुमराह कर बसों में जबरन बैठा लिया जाता है। इससे परिवहन निगम को लाखों का चूना लग रहा है। दूसरी ओर धंधेबाज मोटी कमाई कर रहे हैं। जिम्मेदारों की उदासीनता से इस पर प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पा रही है
जानकारी के अनुसार, नेपाल से रोजाना हजारों की संख्या में लोग आते हैं। दिल्ली, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, मेरठ, जयपुर, मुरादाबाद, बाराबंकी, नोएडा समेत अन्य शहरों में लोग जाते हैं। सोनौली डिपो की ओर से भी इन शहरों के लिए बस सेवा है, लेकिन सोनौली कस्बे में तमाम अवैध पार्किंग बन गए हैं। सूत्रों की माने तो खाली पड़ी निजी जमीन का व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है। इस पर जिम्मेदारों की नजर नहीं पड़ रही है। सोनौली बस स्टेशन से एक डेढ़ किमी के दायरे में कई अवैध पार्किंग बन गए हैं। इसी में दूर-दराज से आने वाली बसें खड़ी होती हैं। इनमें सवारी लाने के लिए पूरा नेटवर्क काम करता है
धंधेबाजों की नजर नेपाल से आने वाले लोगों पर होती है। बस में सस्ता किराया व बेहतर सुविधा का झांसा देकर बस में बैठाकर मनमाना किराया वसूल करते हैं। बस में सवार यात्री परेशान होते हैं, लेकिन कहीं शिकायत नहीं कर पातें हैं। दूसरी ओर सोनौली डिपो को नुकसान हो रहा है। सरकारी बस में यात्री कम मिलते हैं, प्राइवेट वाले मोटा रकम कमाते हैं। रोडवेज बस अड्डे से एक किलोमीटर परिधि के अंदर कोई प्राइवेट बस अड्डा नहीं होना चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नहीं है।
प्रदेश सरकार की ओर से सड़क सुरक्षा अभियान के तहत शासन ने सड़क पर सवारी भरने व डग्गामारी रोकने के निर्देश हैं। इसके बाद भी सोनौली प्राइवेट बस स्टैंड से दर्जनों की संख्या में डग्गामार बसों में दिल्ली, आगरा सहित अन्य जगहों के लिए मनमानी तरीके से सवारियां भरी जाती हैं। सोनौली रोडवेज बस डिपो से मात्र 100 मीटर की दूरी पर ही दर्जनों की संख्या में अवैध पार्किंग में गाड़ी खड़ी कर नेपाल से आने वाली सवारियों को अपने बसों में बैठा कर दिल्ली पहुंचाते हैं।
पोस्टर-बैनर लगाकर करते हैं प्रचार
सूत्रों की माने तो कुछ बिचौलिए अन्य जिलों व प्रदेश की बसों को लाकर सोनौली बस स्टैंड में खड़ा करते हैं। पोस्टर बैनर लगाकर जगह-जगह प्रचार-प्रसार भी किया जाता है। 25 जून को उक्त अवैध बस स्टैंड से टूर परमिट की प्राइवेट बस को सवारी भरने के आरोप में एआरटीओ ने सीज किया था। इसके बाद भी इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।