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टापू में तब्दली हुए गांव, 1.5 लाख लोग प्रभावित, घाघरा और शारदा ने लखीमपुर खीरी में बरपाया कहर


रतन गुप्ता उप संपादक
लखीमपुर खीरी में पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते जिले में शारदा और घाघरा नदी अपने रौद्र रूप में बह रही है. बनबसा बैराज से इस समय 2.40 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज चल रहा है. इससे जिले की पांच तहसील पलिया, निघासन, गोला और धौरहरा सदर तहसील के डेढ़ लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है

लखीमपुर खीरी में शारदा और घाघरा नदी अपने रौद्र रूप में बह रही है. जिले की पांच तहसीलें बाढ़ से प्रभावित है. लगभग 1.5 लाख की आबादी बाढ़ से जूझ रही है. वहीं पलिया तहसील का कस्बा चारों तरफ से टापू में तब्दील हो गया है. कस्बे तक पहुंचाने के लिए रेल मार्ग और सड़क मार्ग दोनों ही पूरी तरह से कट गए हैं.

लखीमपुर खीरी में पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के चलते जिले में शारदा और घाघरा नदी अपने रौद्र रूप में बह रही है. बनबसा बैराज से इस समय 2.40 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज चल रहा है. इससे जिले की पांच तहसील पलिया, निघासन, गोला और धौरहरा सदर तहसील के डेढ़ लाख से ज्यादा आबादी प्रभावित है. 1000 से एकड़ से ज्यादा की फसल बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गई है. पलिया तहसील के कस्बे पलिया तक पहुंचाने के लिए सड़क मार्ग और रेल मार्ग कट गए हैं, जिससे 60000 की आबादी तक प्रशासन को बचाव राहत पहुंचने में खासी मुसीबत का सामना कर रहा है. प्रशासन ने इन तहसीलों में एनडीआरएफ की टीमों को तैनात कर दिया है. हर संभव मदद पहुंचाने के लिए प्रशासन कोशिश कर रहा है, लेकिन सभी प्रयास नकाफी साबित हो रहे हैं.

राहत पहुंचाने गई टीम भी फंसी
पलिया तहसील से जुड़ा पीलीभीत जिले का बेला परसावां गांव फिर टापू बना हुआ है. पीलीभीत समाज कल्याण की टीम बेला में फंसे एसडीएम और उसकी टीम की मदद के लिए लखीमपुर के रास्ते गांव में पहुंचने की कोशिश मेंपलिया अतरिया तक पहुंची, लेकिन सड़क कट जाने के चलते उन तक मदद पहुंचाने में नाकाम साबित हुई. समाज कल्याण अधिकारी चंद्र प्रकाश ने बताया उन लोगों की टीम एसडीएम और उनके सहयोगी बेला गांव में कल से फंसे हुए. हम लोग लखीमपुर के रास्ते पहुंचना चाह रहे थे, लेकिन रास्ते कटे होने के चलते नहीं पहुंच पा रहे हैं.
रेलवे ट्रैक भी बहा
जिले के पुलिस अधीक्षक गणेश सहा ने बताया पलिया तहसील सबसे ज्यादा प्रभावित है. रेलवे ट्रैक कट गया है. सड़क भी कट गई है. हम लोगों ने रेल मार्ग को बचाने की कोशिश की थी, लेकिन बहुत तेज बहाव था, इसके चलते हम लोग उसको बचा नहीं पाए हैं. फिर भी टीम लगी हुई है लेकिन दिक्कतें काफी आ रही हैं

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