रतन गुप्ता उप संपादक
समाज को दिशा देने वाले महापुरुषों की प्रतिमाएं बदहाल हैं। इन विभूतियों की जयंती व पुण्यतिथि पर पुष्प अर्पित कर याद करने के बाद शायद हम इन्हें भूल जाते हैं। जबकि इन महापुरुषों का जीवन लोगों को प्रेरणा देता है। जब कोई आंदोलन होता है तो लोग इन्हें बड़े श्रद्धा के साथ याद करते हैं। जयंती व पुण्यतिथि पर श्रद्धा से पुष्प अर्पित कर हम इन्हें याद करते है। मगर इसके बाद इन ऐतिहासिक स्मारकों को देखकर तो यही लगता है कि हम अपनी विरासत को शायद भूलते जा रहे हैं।
नौतनवा नगरपालिका को अब दुसरे लोग बता रहे हैं एसा हो रहा है चेयरमैन साहब ऐसा करो क्या जमाना आ गया है ।
बतादें कि महराजगंज जिले के नौतनवा नगर के सरदार भगत सिंह चौक जिसे पहले अस्पताल चौराहे के नाम से जाना जाता था। उस चौक पर स्थित शहिद भगत सिंह की मूर्ति और अटल चौक जिसे पहले रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था। उस चौक पर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति पर चारों तरफ नेताओं के पोस्टर बैनर लगे है, और सामने टेम्पू और ई-रिक्शा और छोला बटोरा ,समोसा पकौड़ी दूसरे तरफ ठेले पर कुछ लोगों ने अपनी दुकानें सजा रखी है। प्रतिमा तो गंदगी के बीच में अपने अस्तित्व को बचाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं।
मूर्ति के आमने-सामने अगल-बगल कोई भी पोस्टर बैनर ना लगाए। आज ही अभियान चलाकर सभी मूर्तियों के सामने से लगे पोस्टर बैनर हटा दिया जायेगा। नौतनवा कस्बों की स्तिथ बहुत है खराब है नौतनवा रेलवे स्टेशन के अटल चौक के पास पानी के निकासी नहीं होने से पानी भर जाता है । नौतनवा के नागरिक नौतनवा के अधिशासी अधिकारी से काफी नाराज़ हैं ।