राज्यसभा में घट गई BJP की ताकत, अब कैसे पास करवाएगी बिल, नंबर गेम में कितनी मजबूत?

रतन गुप्ता उप संपादक
राज्यसभा में बीजेपी के चार मनोनीत सदस्य शनिवार को रिटायर हो गए. इससे उच्च सदन में भाजपा और एडीए की ताकत घटी है. हालांकि, आगामी सत्र में बिल पास करवाने में एनडीए को अधिक परेशानी नहीं होगे
राज्यसभा में भाजपा की सीटों की संख्या घटी है

केवल लोकसभा में ही नहीं, राज्यसभा में भी भाजपा और एनडीए का संख्या बल कम हुआ है. राज्यसभा में बीजेपी के चार मनोनीत सदस्य शनिवार को रिटायर हो गए. इसके साथ ही उच्च सदन यानी राज्यसभा में बीजेपी की ताकत घटकर 86 और एनडीए की 101 रह गई है. 19 सीटें खाली होने की वजह से राज्यसभा में फिलहाल सदस्यों की संख्या 226 हैं. अब सवाल उठता है कि राज्यसभा में क्या भाजपा की मुसीबत बढ़ेगी, क्या संख्या बल कम होने से एनडीए को घाटा होगा? अहम कानूनों को पास करवाने के लिए एनडीए के पास संख्या बल है या नहीं?

इसका जवाब है कि भाजपा अब भी मजबूत स्थिति में है. नंबर गेम में अब भी वह आगे ही है. एनडीए के पास अब भी सात गैर-राजनीतिक मनोनीत सदस्यों, 2 निर्दलीय और एआईडीएमके और वाईएसआरसीपी जैसे दोस्ताना दलों के समर्थन से आगामी बजट सत्र में अहम कानून पारित करवाने की संख्या है. मगर दूसरों पर निर्भरता कम करने के लिए मनोनीत कैटेगरी के तहत जल्द से जल्द रिक्त पदों को भरना अहम होगा.

कौन-कौन हुए रिटायर
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी चार मनोनीत सदस्य हैं. ये सभी शनिवार को रिटायर हो गए. राज्यसभा के लिए मनोनीत होने के बाद इन्होंने औपचारिक रूप से खुद को बीजेपी के साथ जोड़ लिया था. मनोनीत कैटेगरी में एक और राज्यसभा सदस्य गुलाम अली हैं, जो बीजेपी का हिस्सा हैं. वे सितंबर 2028 में रिटायर होंगे.

कितने सदस्य होते हैं मनोनीत
दरअसल, राष्ट्रपति सरकार की सिफारिश पर राज्यसभा के लिए 12 सदस्यों को मनोनीत करते हैं. मौजूदा सदन में उनमें से सात ने खुद को गैर-राजनीतिक (बीजेपी का हिस्सा नहीं) रखा, मगर ऐसे सदस्य कानून पारित कराने में हमेशा सरकार का ही साथ देते हैं.

कितनी सीटें खाली
मौजूदा वक्त में राज्यसभा में 19 सीटें खाली हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर और मनोनीत कैटेगरी से चार-चार और आठ अलग-अलग राज्यों (असम, बिहार और महाराष्ट्र से दो-दो और हरियाणा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और त्रिपुरा से एक-एक) से 11 सीटें शामिल हैं. लोकसभा चुनाव की वजह से इन 11 सीटों में से 10 सीटें पिछले महीने खाली हुईं. जबकि एक सीट भारत राष्ट्र समिति के सदस्य के केशव राव के इस्तीफे के कारण खाली हुई थी. केशव राव ब।

एनडीए को कितना फायदा
आने वाले महीनों में इन 11 सीटों पर होने वाले चुनाव में संभवतः आठ सीटें एनडीए और तीन सीटें इंडिया गठबंधन के कब्जे में जा सकती है. कांग्रेस को तेलंगाना से एक सीट मिलेगी, जिससे पार्टी की संख्या राज्यसभा में 27 हो जाएगी. राज्यसभा में अपना विपक्ष का पद बनाए रखने के लिए कांग्रेस को जितनी सीटों की जरूरत है, यह उससे दो अधिक है. इसलिए कांग्रेस की आवाज राज्यसभा में बुलंद होगी. हालांकि, भाजपा अथवा एनडीए को राज्यसभा में आगामी बजट सत्र में बिल पास करवाने में बहुत अधिक परेशानी नहीं होगी.

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