रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल में केपी शर्मा ओली के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत हर घटनाक्रम पर बारीकी से नजर बनाए है। चीन ने केपी ओली को बधाई देने के बहाने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) पर आगे बढ़ने के लिए नेपाल पर डोरे डालना शुरू कर दिया है। नेपाल में बीआरआई प्रोजेक्ट का सफल होना रणनीतिक रूप से भारत के लिए तनाव का बड़ा कारण है।
बीआरआई के लिए खोदाई करता चीन।
नेपाल में सत्ता बदलते ही चीन ने नए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को लुभाना शुरू कर दिया है। ओली प्रबल चीन समर्थक माने जाते हैं। उनके कार्यकाल में भारत और नेपाल के रिश्ते काफी तनावपूर्ण हो गए थे। चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग ने काठमांडू में ओली सरकार बनते ही ‘चीन-नेपाल बेल्ट एंड रोड कोआपरेशन’ के तहत सहयोग करने के लिए पूर्व में शीर्ष नेताओं और दोनों देशों के बीच बनी सहमति को लागू करने एवं द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ावा देने की अपनी इच्छा जतायी है।
यह माना जा रहा है कि ओली चीन का इस योजना के लिए पूरा सहयोग करेंगे। ऐसे में यह भारत के लिए बड़ी टेंशन का कारण बनेगा। रणनीतिक रूप से भारत के सबसे खास पड़ोसी देश नेपाल से चीन के बीआरआई का गुजरना सुरक्षा के लिहाज से नई दिल्ली के लिए तनाव देने वाला कारक साबित होगा। इससे चीन की रणनीतिक पकड़ और भारत को घेरने की उसकी योजना और अधिक मजबूत हो जाएगी।
बधाई के बहाने नेपाल को चीन ने रिझाया
नेपाल के नव नियुक्त प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली को दिए संदेश में ली ने उन्हें चीन सरकार और उनकी ओर से हार्दिक बधाई दी। इसी बहाने उन्होंने चीन-नेपाल बेल्ट एंड रोड कोआपरेशन के तहत सहयोग करने के लिए पूर्व में शीर्ष नेताओं तथा दोनों देशों के बीच बनी सहमति को लागू करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ावा देने की अपनी इच्छा जतायी। नेपाल और चीन ने ‘बेल्ट एंड रोड पहल’ (बीआरआई) पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी पहल है। इसके तहत, दोनों देशों द्वारा अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और संस्कृति सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग के लिए कनेक्टिविटी, व्यापार, विकास रणनीतियों और नीति संवाद पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।
ली ने कहा- नेपाल-चीन के अनुकूल होगी रणनीतिक साझेदारी
चीन के पीएम ली ने कहा कि वह विकास व समृद्धि हासिल करने के लिए हमेशा नेपाल-चीन के अनुकूल रणनीतिक साझेदारी में नयी प्रगति देखना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, समानता और सभी के हितों पर आधारित है। स्थानीय मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की 2019 में नेपाल यात्रा के दौरान नेपाल और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंध रणनीतिक स्तर तक बढ़े थे। दोनों देशों ने नेपाल-चीन संबंधों को ‘‘स्थायी मित्रता की विशेषता वाली व्यापक सहयोग साझेदारी’’ से ‘‘विकास व समृद्धि के लिए रणनीतिक साझेदारी’’ में बदलने पर सहमति व्यक्त की थी।
प्रचंड को कुर्सी से हठाकर सत्ता के शीर्ष पर बैठे ओली
काठमांडू में प्रधानमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को नेपाल में भारत के राजदूत नवीन श्रीवास्तव, अमेरिकी राजदूत डी आर.थॉम्पसन और चीनी राजूदत चेन सोंग ने प्रधानमंत्री ओली से सिंहदरबार में उनके कार्यालय में अलग-अलग मुलाकात की थी और उन्हें बधाई व शुभकामनाएं दीं। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनीफाइड मार्क्सिस्ट लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष और चीन समर्थक नेता माने जाने वाले ओली को 14 जुलाई को नेपाल का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। वह अब नयी गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं जिसके सामने इस हिमालयी देश में राजनीतिक स्थिरता प्रदान करने की चुनौती है। उन्होंने पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ की जगह ली है जो पिछले सप्ताह प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल नहीं कर पाये थे जिसके बाद नयी सरकार का गठन हुआ।