रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल में चुरे के संरक्षण और तराई-मधेश में पानी की कमी की समस्या के समाधान की मांग को लेकर मैतीघर से बाणेश्वर तक मधेशवासी एक बार फिर विरोध प्रदर्शन पर उतर आये हैं. शुक्रवार को उन्होंने मैतीघर से बाणेश्वर तक प्रदर्शन किया.
उनके प्रदर्शन में एक बड़ा नागरिक आंदोलन भी अपना समर्थन दर्शाने वाले बैनरों के साथ सड़कों पर उतर आया है.
मधेशवासी और नागरिक विरोध प्रदर्शन में शामिल लोग ‘सरकार को पानी दो, जंगल को आग से मुक्त करो, भूमिहीनों के नाम पर अवैध अतिक्रमण बंद करो, खनन के लिए पेड़ लगाओ’ जैसे नारे लगा रहे हैं.
मधेश की जल समस्या से सरकार को अवगत कराने और समस्या के समाधान के लिए दबाव बनाने के लिए पैदल काठमांडू आये मधेश के विभिन्न जिलों के निवासी लगभग 3 महीने से मैतीघर में धरने पर बैठे थे.
चुरे संरक्षण कार्यकर्ता सुनील कुमार यादव कहते हैं कि चुरे संरक्षण के नाम पर सरकार हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है, इसके बावजूद चुरे के नष्ट होने से मधेश में 80 प्रतिशत चापाकल सूख गये हैं. उन्होंने इस बात पर गुस्सा जताया है कि जब उन्होंने अपनी चुराई गई संपत्ति की सुरक्षा के लिए विरोध किया तो पार्टियों ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।