रतन गुप्ता उप संपादक
महराजगंज में प्रस्तावित आनंदनगर-महराजगंज-घुघली रेल मार्ग के साथ ही ठूठीबारी हाईवे निर्माण की राह में रोडा अटक रहा है। रेलवे के दायरे में आने वाली जमीनों का भाव कम मिलने से लोगों में आक्रोश है, तो शहर में व्यापारी दुकानों को टूटने की बात सुनकर परेशान हैं।
उच्चाधिकारियों से शिकायत कर पीड़ित बीच का रास्ता निकालने की मांग कर रहे हैं। वहीं घुघली क्षेत्र में कुछ गांव के लोगों को मुआवजा मिल चुका है। महुअवा ढाला वार्ड नंबर 10 में रविवार को लोग एक चाय की दुकान पर रेलवे में निकली जमीन को लेकर चर्चा करते नजर आए। सभी लोग अपने हिसाब से आकलन कर थे। कोई कह रहा था, मुआवजा कम बन रहा है तो कोई रेट ठीक नहीं होने को लेकर अपना तर्क देता नजर आया। चर्चा के दौरान आए परमहंस गहरी सास लेते हुए बैठे
उन्होंने कहा कि कुछ होने वाला नहीं है। डेढ़ एकड़ जमीन जा रही है, लेकिन मुआवजा का पता नहीं चल पा रहा है। कॉमर्शियल रेट गांव में सात लाख से शुरू हो रहा है, लेकिन यहां औने-पौने दाम में प्रशासन जमीन लेना चाहता है। अशोक पटेल ने कहा कि कुछ समझ में नहीं आ रहा है। मेरा तो दो एकड़ खेत और पांच डिस्मिल मकान दायरे में आ गया है। सबसे हैरानी की बात है कि नियम शर्तों की सटीक जानकारी नहीं मिल पा रही है।
इनको रोकते हुए गुड्डन दूबे ने कहा कि 61 एयर के नीचे जब भी जमीन की रजिस्ट्रीकरण कराई जाती है तो सारी जमीनों को रजिस्ट्री विभाग आवासीय में रजिस्टर्ड करता है, जबकि उसी जमीन को तहसील में खारिज-दाखिल में सहभूमिधर के रूप में दर्ज होती है। ऐसे में प्रश्न चिह्न खड़ा होना स्वाभाविक है कि जब भूमि आवासीय बाजार के अधिकतम मूल्य पर रजिस्ट्रीकरण कराई गई है तो नाम खारिज दाखिल कृषि भूमि क्यों? उन्होंने बताया कि सात डिस्मिल में घर के अलावा 50 डिस्मिल खेत भी रेल मार्ग के दायरे में है।
कैलाश अग्निहोत्री कहने लगे की 10 डिस्मिल में मकान बना है। अगर जमीन का अधिग्रहण करना हैं तो जो कॉमर्शियल रेट चल रहा है, उससे चार गुना मुआवजा दिया जाए अगर ऐसा नहीं होता हैं तो आंदोलन होगा। इस दौरान परमहंस, अशोक, दुर्बल साहनी, राजेंद्र प्रसाद, यशपाल, रामनिवास, परमवीर, अमरनाथ, दीपक, रामसेवक, विरेंद्र, रामक्यास, सीताराम, लालधारी मौजूद रहे।
सीएम को कारोबारियों ने बताई पीड़ा, राहत दिलाने की मांग
महराजगंज। शहर से होकर ठूठीबारी हाईवे तक हाईवे बनना है। पेड़ की कटाई हो चुकी है। महराजगंज शहर में दुकानें व मकान सड़क के दायरे में आ रहे हैं। शहर के कारोबारी दुकानों को सुरक्षित करने की मांग कर रहे हैं। सड़क की चौड़ाई शहर में कम करने की मांग की जा रही है। व्यापारी बाईपास बनाने की मांग कर रहे हैं।
गोरखपुर में सीएम योगी से मिलने पहुंचे कारोबारी कन्हैया अग्रवाल, नूर आलम, रमेश प्रसाद, राजेश, अमरजीत ने समस्याओं को बताया। व्यापारियों ने बताया कि शहर में मुख्य चौराहे पर 14 मीटर चौड़ा सड़क रहने दिया जाए तो ट्रैफिक जाम नहीं लगेगा। सड़क के पूरब जिला पंचायत के आवंटी किरायेदार हैं और 50 साल से जिला पंचायत को किराया देकर दुकान खोलकर पीढ़ी दर पीढ़ी से अपनी आजीविका चला रहे हैं। दुकानें टूट जाएंगी तो जीविका कैसे चलेगी। आज तक जिला पंचायत की ओर से दुकान खाली करने को लेकर कोई विधिक सूचना या नोटिस नहीं दी गई है। आगे बढ़ने पर ग्राम सभा चिउरहा मऊपाकड की पीढ़ी के बसे हुए लोगों की दुकानें और मकान हैं। यह भी दायरे में हैं