रतन गुप्ता उप संपादक
नौतनवा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अड्डा बाजार में चिकित्सक की तैनाती न होने से मरीजों को काफी समस्या हो रही है। लोगों को फार्मासिस्ट से दवा लेकर जाना पड़ता है। गांव अड्डा बाजार में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए शासन द्वारा करोड़ों रुपये खर्च कर अस्पताल का निर्माण करवाया गया। जिसका उद्घाटन 21 अप्रैल 2001 को हुआ। निर्माण कार्य कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश समाज कल्याण निर्माण निगम लिमिटेड महराजगंज द्वारा कराया गया था।
2001 में उद्घाटन के बाद से अब तक रंगाई-पुताई नहीं हुई है। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं है। जरनेटर, इन्वर्टर की व्यवस्था नहीं है। अस्पताल परिसर में दो इंडिया मार्का हैंडपंप है। एक खराब है तो दूसरा दूषित जल देता है। परिसर में गंदगी का अंबार लगा है, घास उगी है। ऑपरेशन थियेटर के दरवाजा का शीशा टूटा है। ऑपरेशन रूम में सफाई नहीं है। स्ट्रेचर व एक अन्य उपकरण धूल से पटा है। अस्पताल के अंदर एक एम्बुलेंस धूल फांक रही है। शौचालय खराब है। यहां रात में कोई चिकित्सक व कर्मचारी नहीं रुकता है
अस्पताल चिकित्सकों व कर्मचारियों के लिए बना आवास कभी खुलता नहीं है। भवन जर्जर हालत में है। इलाज कराने आए बृजेश गुप्ता ने बताया कि पेट में दर्द बना रहता है चिकित्सक न होने से ठीक से इलाज नहीं हो पाया।
चादनी देवी का कहना है कि कमर में दर्द है डॉक्टर न होने से फार्मासिस्ट से ही दवा लेना पड़ा। रामनगर गांव के अमित कुमार का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च कर बनाया गया सीएचसी चिकित्सकों व संसाधन के अभाव में बेकार है। यहां समुचित इलाज नहीं हो पाता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लक्ष्मीपुर के अधीक्षक डॉ. विपिन शुक्ला ने बताया कि चिकित्सक की तैनाती नहीं है। एक फार्मासिस्ट संजय वर्मा, डेंटल हाईजिनिंग अशोक प्रताप सिंह व स्वीपर मिथुन कुमार की तैनाती है।