एक आइलैंड के लिए अमेरिका ने बांग्लादेश को तबाह कर दिया.. शेख हसीना का बड़ा खुलासा

रतन गुप्ता उप संपादक
बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता को लेकर देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान हालत के पीछे अमेरिका का हाथ है.
एक आइलैंड के लिए अमेरिका ने बांग्लादेश को तबाह कर दिया.. शेख हसीना का बड़ा खुलासा
बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता को लेकर देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान हालत के पीछे अमेरिका का हाथ है. बांग्लादेश छोड़ने से पहले शेख हसीना देश को संबोधित करना चाहती थीं. अब उनका भाषण सामने आया है जिसमें हसीना ने अमेरिका पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

शेख हसीना ने अमेरिका पर लगाए गंभीर आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शेख हसीना ने भारत में अपने करीबी सहयोगियों से उनके अनडिलीवर्ड भाषण के बारे में बात की है. इस भाषण में शेख हसीना ने अमेरिका पर देश में सत्ता परिवर्तन की साजिश रचने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मौका मिलता तो वह अपने भाषण में यह बात कहतीं.

मैंने इस्तीफा इसलिए दिया ताकि..

शेख हसीना ने इसमें कहा है कि मैंने इस्तीफा इसलिए दिया ताकि मुझे लाशों का जुलूस न देखना पड़े. वे छात्रों की लाशों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने ऐसा होने नहीं दिया. मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. मैं सत्ता में रह सकती थी अगर मैं सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को सौंप देती और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर कब्जा करने की अनुमति देती. मैं अपने देश के लोगों से विनती करती हूं, कृपया कट्टरपंथियों द्वारा प्रभावित न हों.

अगर मैं देश में रहती..

बता दें कि सेंट मार्टिन द्वीप का क्षेत्रफल केवल 3 वर्ग किलोमीटर है और यह बंगाल की खाड़ी के पूर्वोत्तर भाग में स्थित है. यह बांग्लादेश का सबसे दक्षिणी हिस्सा है. हसीना ने कहा कि अगर मैं देश में रहती, तो और भी जानें जातीं. मैंने देश छोड़ने का फैसला लिया है. आप मेरी ताकत थे, आप मुझे नहीं चाहते थे, इसलिए मैंने देश छोड़ दिया.

मैं जल्द लौटूंगी..

अपने पार्टी सदस्यों को दिए संदेश में उन्होंने कहा कि आवामी लीग हमेशा वापस खड़ी हुई है. उम्मीद मत खोइए. मैं जल्द लौटूंगी. मैंने हार मान ली है, लेकिन बांग्लादेश के लोग जीत गए हैं, वह लोग जिनके लिए मेरे पिता, मेरा परिवार शहीद हुआ. उन्होंने कहा कि वह अवामी लीग नेताओं को निशाना बनाए जाने से आहत हैं और वह जल्द लौटेंगी. अवामी लीग बार-बार खड़ी हुई है. मैं हमेशा बांग्लादेश के भविष्य के लिए प्रार्थना करूंगी.

छात्रों को रज़ाकार नहीं कहा

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी प्रदर्शनकारी छात्रों को रज़ाकार नहीं कहा. विरोध प्रदर्शनों के दौरान शेख हसीना ने एक बयान में कहा था, “अगर स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों को कोटा का लाभ नहीं मिलेगा, तो किसे मिलेगा? ‘रज़ाकारों’ के पोते-पोतियों को?” 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी सेना द्वारा भर्ती की गई अर्धसैनिक बल के लिए इस्तेमाल किए गए इस शब्द ने एक बड़ा आक्रोश पैदा कर दिया और विरोध प्रदर्शन और तेज हो गए. अपने अनडिलीवर्ड भाषण में शेख हसीना ने कहा, “मैंने आपको कभी रज़ाकार नहीं कहा. बल्कि मेरे शब्दों को विकृत करके आपको उकसाया गया. मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि पूरा वीडियो देखें.”

अमेरिका और बांग्लादेश के बीच खराब संबंध

शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान अमेरिका और बांग्लादेश के बीच संबंध इतने बिगड़ गए थे कि वाशिंगटन डीसी ने कहा था कि जनवरी के चुनाव जिसमें अवामी लीग सत्ता में लौटी थी, वे स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं थे. उनके इस्तीफे से कुछ महीने पहले, शेख हसीना ने दावा किया था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए “साजिशें” रची जा रही हैं. उन्होंने मई में कहा था, “अगर मैंने एक निश्चित देश को बांग्लादेश में एक हवाई अड्डा बनाने की अनुमति दी होती, तो मुझे कोई समस्या नहीं होती

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