रतन गुप्ता उप संपादक
महराजगंज। नशीली दवाओं के धंधे में बेरोजगार फंस रहे हैं। नशीली दवाओं के सिंडिकेट को तोड़ना सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है। बीते दिनों की बरामदगी पर नजर डालें तो ज्यादातर बेरोजगार ही पकड़े गए हैं। वैसे भी सीमावर्ती इलाके नशीली दवाओं के धंधे को लेकर हमेशा चर्चे में रहते हैं।
सूत्रों की माने तो भारत-नेपाल सीमा पर इन दिनों नशीली दवा की तस्करी तेज हो गई है। तस्कर महानगरों से दवाएं मंगा कर पगडंडियों से नेपाल भेज रहे हैं। नशीली दवाओं के शौकीन नेपाली युवा महंगे दामों पर इन दवाओं को खरीदकर इस्तेमाल कर रहे हैं। दवा तस्करों का नेटवर्क गोरखपुर के भालोटिया मार्केट, पीपीगंज, सिसवा बाजार, नौतनवा और कोल्हुई तक फैला है। भारी मात्रा में दवाएं मंगाकर सीमा पर डंप की जा रहीं हैं।
धीरे-धीरे उन्हें सुविधा के अनुसार नेपाल पहुंचा दिया जा रहा है। इस धंधे में बेरोजगार फंसे हैं। जिन्हें कैरियर के रूप में तस्कर इस्तेमाल कर मालामाल हो रहे हैं। कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लालच में आज का युवा नशीली दवाओं के कैरिंग में फंसता नजर आ रहा है। सोनौली कोतवाली के गनवरिया गांव में कार से नशीली दवा की बरामदगी और युवाओं के पकड़े जाने के बाद ड्रग विभाग चौकन्ना हो गया है। उधर, सुरक्षा कर्मियों की ओर से प्रत्येक हलचल पर नजर रखी जा रही है। पुलिस ने भी निगरानी तेज कर दी है।
सीमावर्ती क्षेत्र में कड़ी निगरानी की जा रही है। सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जाती है।
-आतिश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक