रतन गुप्ता उप संपादक
महराजगंज। सोने-चांदी के आभूषणों के तस्करों का नेटवर्क नेपाल में गहरा है। नेपाल के बड़े शहरों के अलावा भारतीय क्षेत्र के गोरखपुर में भी इनका सिंडिकेट काम कर रहा है। जब सरहद पर पुलिस, कस्टम और एसएसबी द्वारा बरामदगी होती है तब मामला सामने आता है। तमाम प्रयास के बाद भी सोने-चांदी की तस्करी पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रही है। पूर्वांचल का सबसे बड़ा सोने-चांदी के आभूषण का बाजार होने के कारण गोरखपुर में तस्करी का आभूषण आराम से खप जाता है।
सूत्रों की माने तो अधिक लाभ के चक्कर में तस्कर नेपाल के रास्ते बैंकाक, सिंगापुर व थाईलैंड के सोने की नेपाल में तस्करी करते हैं। तस्करी कर लाए गए सोने से होलसेल कारोबारी आभूषण बनाकर छोटे कारोबारियों को बेचते हैं। फिर उसे तस्करी के द्वारा सरहद की पगडंडियों के रास्ते भारत लाया जाता है। जिसे खुदरा व्यापारी टैक्स की बचत के कारण कारोबारी से पक्का पर्चा तक नहीं लेते और वह आसानी से खप जाता है।
जनपद के ही कई गांवों व कस्बों के दुकानदार भी बिना पक्की रसीद के ये आभूषण ग्राहकों को बेचते हैं। जब कभी कार्रवाई होती है तो कुछ दिनों तक हंगामा मचता है फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है और अवैध सोने-चांदी के आभूषण का धंधा फिर चलने लगता है।
अपर पुलिस अधीक्षक आतिश कुमार सिंह ने बताया कि सीमावर्ती क्षेत्र में कड़ी चौकसी रहती है। तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है।
सीमा पर भीड़ का फायदा उठाते हैं तस्कर
सूत्रों की माने तो सोनौली सीमा पर भीड़ के दौरान सामान्य आवागमन का फायदा उठाकर खाड़ी देशों से नेपाल पहुंच रहे तस्करी के सोना-चांदी के आभूषण को भारतीय क्षेत्र में खपाया जा रहा है। सरहद पर रोजाना 10 हजार यात्रियों का आवागमन होता है, जिसका लाभ लेते हुए तस्कर आसानी से दो नंबर गली बस डिपो के पीछे और पगडंडियों से सीमा पार हो जाते हैं। तस्करी को देखते हुए दोनों ओर की सुरक्षा एजेंसियां भी सक्रिय हैं। उनकी नजरों से बचने के लिए सोने को नेपाल में आभूषण का रूप देकर सीमा पार लाने की कोशिशें हो रही हैं। नेपाल में बड़े पैमाने पर कतर, दुबई, ओमान, मलेशिया और सऊदी अरब समेत अन्य खाड़ी देशों से तस्करी कर सोना पहुंच रहा है। अन्य देशों की अपेक्षा नेपाल तस्करी कर सोना लाना आसान भी है, जिसकी बानगी काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर छह महीने में तीन क्विंटल सोना पकड़ा जाना है। सोना भारतीय सीमा से सटे नेपाल के सीमावर्ती जिलों में भेजा जाना था।
सोने की शुद्धता बनी है भारतीयों की पसंद
सूत्र बता रहे हैं कि नेपाल से सोने की तस्करी अर्से से चल रही है। दोनों देश का भाव कमोबेश एक रहता है, लेकिन वजन के खेल में तस्कर चांदी काट रहे हैं। भारत में एक तोला सोना का वजन 10 ग्राम है तो नेपाल में यह 11.664 ग्राम। इस 1.664 ग्राम का लाभ मिल जाता है। इसके साथ ही भारत के सर्राफा मार्केट में 18 कैरेट से लेकर 22 कैरेट सोने को दिया जाता है। नेपाल के सोने की शुद्धता से भारतीयों की पसंद बने आभूषण खाड़ी देशों से तस्करी कर आ रहे सोने की शुद्धता और चमक बेहतर होती है। भारतीय आभूषण पसंद करते हैं। इसका फायदा उठाकर सोने के रोजगार से जुड़े लोग नेपाल से ही ज्यादातर सोना का आभूषण लाते हैं। सोने को नेपाल में ही आभूषण का रूप दिया जाता है।
शादी-ब्याह में नेपाल से खरीदे जाते हैं आभूषण
पिछले एक साल से नेपाल के आभूषण भारतीय लोगों की पसंद बने हैं। सीमा से लगे ज्यादातर भारतीय क्षेत्र के लोग शादी-ब्याह में बेटियों को देने के लिए नेपाल से ही सोने के जेवरात खरीदते हैं। निर्धारित पाबंदी को देखते हुए वे टुकड़ों में पहनकर चले आते हैं। इसके चलते नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में तेजी से आभूषणों की दुकानें भी खुली हैं। आभूषण लाने के लिए तस्करी के कार्य में महंगी और लग्जरी गाड़ी का प्रयोग तस्कर करते हैं। भंसार कराने के बाद वे आराम से नेपाल चले जाते हैं। वहां पर खरीद करते हैं और लेकर चले आते हैं। गाड़ी लग्जरी होने के कारण उन्हें चेकिंग के दौरान पुलिस पहने हुए आभूषणों के संबंध में ज्यादा पूछताछ करने से परहेज करती है।