रतन गुप्ता उप संपादक
यूपी में विद्या समीक्षा केंद्र से माध्यमिक विद्यालयों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। 34 जिलों में मिली गड़बड़ियों पर निदेशालय ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
माध्यमिक स्कूलों की विद्या समीक्षा केंद्र से हुई ऑनलाइन मॉनिटरिंग में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। जांच में कई स्कूलों में शिक्षक गायब मिले तो कई जगह कक्षाएं भी निर्धारित समय सारिणी के अनुसार नहीं चलती मिली। अब माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इस पर सख्ती शुरू की है।
विभाग की ओर से 7 से 21 अगस्त तक कराई गई मॉनिटरिंग में 34 जिलों में काफी कमियां मिली हैं। कई स्कूलों में शैक्षिक कैलेंडर का पालन नहीं हो रहा था। स्कूल समय में भी प्रयोगशाला के कमरे नहीं खुले थे। गड़बड़ियों पर जब संबंधित प्रधानाचार्य के मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो वे या तो बंद मिले या नहीं उठे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने इस रवैये पर नाराजगी जताते हुए संबंधित डीआईओएस व मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को कमियां दुरुस्त कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन विद्यालयों का निरीक्षण कर एक सप्ताह में रिपोर्ट भी मांगी है।
इन मंडलों से मांगी गई रिपोर्ट
वाराणसी, लखनऊ, अयोध्या, मेरठ, मुरादाबाद, आजमगढ़, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, झांसी, चित्रकूट, मिर्जापुर, अलीगढ़ व देवीपाटन।
*ड्यूटी से गायब मिले 146 शिक्षकों को देना होगा स्पष्टीकरण*
राजधानी के 81 केंद्रों पर शुक्रवार को हुई पुलिस भर्ती परीक्षा की ड्यूटी से 146 परीक्षक गायब मिले। ये परीक्षक अलग-अलग विद्यालयों में शिक्षक के पद पर कार्ररत हैं। जिला प्रशासन ने इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है और एक दिन का वेतन रोकने की बात कही है। हालांकि विभागीय कार्रवाई करने से पहले शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उधर, शिक्षक संगठनों ने इसका विरोध किया है।
81 केंद्रों पर 31 अगस्त तक पुलिस भर्ती परीक्षा होनी है। सकुशल परीक्षा कराने के लिए 3500 से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी परीक्षक के रुप में लगाई गयी है। शुक्रवार को पहले दिन हुई परीक्षा के दोनों पालियों से कई परीक्षक अनुपस्थित मिले। जिला प्रशासन के आदेश पर शनिवार को इन शिक्षकों की सूची तैयार की गई और स्पष्टीकरण मांगा गया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ अपने बयान में कहा है कि शिक्षकों की दो- दो केंद्रों पर ड्यूटी लगाई गई और जो पूर्व में ज्वाइन कर चुके थे उनको अब रिजर्व ड्यूटी में अनुपस्थित माना गया और वेतन रोकने की बात कही जा रही है। शिक्षा विभाग से मांग है कि किसी भी शिक्षकों का वेतन न रोका जाए।