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नेपाल में दलाल तंत्र के विरोध मे तीसरे जन आंदोलन की सुझाव दिए प्रभु साह


रतन गुप्ता उप संपादक 

आम जनता पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री प्रभु साह द्वारा सौंपी गई राजनीतिक रिपोर्ट के साथ-साथ लूटने वाली दलाल पार्टी व्यवस्था के खिलाफ और शासन में आम लोगों की भागीदारी के लिए तीसरे जन आंदोलन की घोषणा पर गरमागरम बहस हो रही है। दूसरे दिन केंद्रीय सदस्यों ने अपनी राय दी है. आजपा केकेंद्रीय समिति की बैठक मंगलवार से काठमांडू के कमलादीस्थित नेपाल प्रज्ञा प्रतिष्ठान में शुरू हो गई है।

बैठक में आजपा स्टैंडिंग कमेटी की सदस्य रंजू साह ने बैठक में पेश की गयी रिपोर्ट को देश और जनता के लिए बताते हुए कहा कि इसे लागू किया जाना चाहिए।

राजनीतिक रिपोर्ट को सही बताते हुए इसमें महिला हिंसा का मुद्दा शामिल नहीं होने की बात कहते हुए साह ने सुझाव दिया कि पार्टी को देश-विदेश में हो रही घटनाओं के खिलाफ संघर्ष का कार्यक्रम लाना चाहिए.

आजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सुझाव नहीं दिया कि पार्टी को संघर्ष के कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ना चाहिए.

बैठक में आजपा नेता और कचरा व्यापारी संघ के अध्यक्ष संजय साह ने कहा कि काठमांडू महानगर कचरा व्यापारियों को जो पीड़ा और उत्पीड़न दे रहा है, उसके खिलाफ एक मजबूत आंदोलन की जरूरत है।

बैठक में आजपा की स्थायी समिति के सदस्य और मुस्लिम फ्रंट के अध्यक्ष लाल बाबू मंसूर ने कहा कि नेपाल में मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए संघर्ष करने की जरूरत है.

वहीं, बैठक में आम महिला मोर्चा की अध्यक्ष व महिला नेत्री बबीता साह ने मांग की कि राज्य के हर अंग में महिलाओं की 51 फीसदी भागीदारी होनी चाहिए. उन्होंने जनसंख्या के आधार पर महिलाओं की भागीदारी को संतोषजनक नहीं बताते हुए कहा कि यद्यपि महिलाएं हर आंदोलन और परिवर्तन में भाग लेती हैं, लेकिन राज्य की विभिन्न एजेंसियों में उनकी भागीदारी नहीं होती है।

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