सात घंटे में एक ही मरीज के पेट के हुआ चार ऑपरेशन, प्रदेश में पहली बार किया गया ऐसा

रतन गुप्ता उप संपादक
बिहार के सिवान के रहने वाले 19 साल के सौरभ सिंह को सांस लेने में दिक्कत और पेट में दर्द की समस्या हो रही थी। कई डॉक्टरों को दिखाने के बाद भी उन्हें राहत नहीं मिली। परिवार के लोग उन्हें संजय गांधी पीजीआई ले गए जहां डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन किया जिसमें पता चला कि उनका आमाशय छाती में दब गया था।

सात घंटे में एक ही मरीज के पेट के हुआ चार ऑपरेशन, प्रदेश में पहली बार किया गया ऐसा

अब दोबारा अपनी जगह से नहीं हटेगा किडनी, आमाशय व तिल्ली
छाती में फंसे आमाशय, किडनी तिल्ली को निकाल दिया जीवन
सिवान (बिहार) के रहने वाले 19 वर्षीय सौरभ सिंह को सांस लेने के साथ पेट में दर्द और उल्टी हो रही थी। कई डाक्टरों को दिखाया, लेकिन राहत नहीं मिली। स्वजन उन्हें लेकर संजय गांधी पीजीआइ आए और गैस्ट्रो सर्जरी विभाग में प्रो. अशोक कुमार द्वितीय को दिखाया।

सौरभ के पेट का अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन कराया गया, जिसमें पाया गया कि उनका आमाशय छाती में बायीं तरफ दब गया था। इसके साथ-साथ तिल्ली तथा किडनी भी हार्निया की वजह से छाती में चली गई थी। इस कारण फेफड़े पर दबाव पड़ रहा था। सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

 

फेफड़े से इन अंगों को सही जगह पर लाने का आपरेशन बहुत ही चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि तिल्ली और किडनी से खून के रिसाव का खतरा होता है। सर्जरी की कार्ययोजना तैयार की गई, क्योंकि इस तरह की पहली सर्जरी संस्थान में होने जा रही थी।

अभी तक इस तरह की सर्जरी प्रदेश में कहीं भी नहीं की गई। डाक्टरों ने सात घंटे चली सर्जरी में चार तरह के आपरेशन लेप्रोस्कोपी की मदद से किए। प्रो. अशोक ने बताया कि सर्जरी की पूरी तैयारी के बाद लेप्रोस्कोपी से बहुत ही सावधानी के साथ आमाशय, तिल्ली, तथा किडनी को छाती से बाहर निकाला गया और आमाशय को सीधाकर उसे दो स्थानों पर फिक्स किया गया। साथ ही डाइ फ्रैग्नेटिक हर्निया डिफेक्ट को मेस (जाली) से बंद किया गया।

दूसरे दिन मुंह से हल्का खाना शुरू किया और तीसरे दिन मरीज को डिस्चार्ज किया। इस आपरेशन में सीनियर रेजिडेंट डा. प्रशांत, डा. सार्थक, निश्चेतना विशेषज्ञ प्रो. अरुणा भारती, डा. मेघा, नर्सिंग ऑफिसर रोहित, नर्सिंग आफिसर वंदना शामिल रहीं।

जन्मजात या चोट के कारण होती है यह परेशानी
यह दुर्लभ बीमारी है, यह हाई स्पीड ट्रामा की वजह से भी हो सकता है। डायफ्राम एक दीवार होती जो फेफड़े और हार्ट को आमाशय के आर्गन, लिवर और आंत को अलग करती है, उसमें खराबी होने की वजह से यह समस्या होती है।

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