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कुशीनगर नकली नोट केस: सेल्स टैक्स की पर्ची काट रफी धंधेबाजों में घुसा… फिर बनाया GST वसूली गैंग; पूरी कहानी

रतन गुप्ता उप संपादक

गाजीपुर बार्डर पर सेल्स टैक्स की पर्ची काटने के दौरान बनी रफी खान उर्फ बबलू की पहचान ने उसके काम छोड़ने के बाद उसके वसूली गैंग को अंजाम देने में काफी मदद की। इसके सहारे उसने टीम तैयार की और लग्जरी गाड़ियों में बैठकर रात के अंधेरे में हाईवे के क्षेत्रों में खुद को जीएसटी अधिकारी बताकर वसूली करता रहा।

उसके इस काम में हाईवे के थानों से जुड़े खाकी के हुक्मरानों का भी खूब साथ मिला और अमर उजाला के खबर के बाद तत्कालीन एसपी तत्कालीन एसपी अभिनव त्यागी के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच कराया तो हाईवे पर सीएसटी अधिकारी बनकर वसूली गैंग के नौ लोग दबोचे गए, लेकिन खाकी का शह कहे या गुडवर्क की जल्दबाजी रफी उर्फ बबलू पर जांच टीम की नजर तक नहीं पड़ी जबकि सूत्रों की माने तो वह इसका सरगना
उसके नेतृत्व में ही इस वसूली गैंग में जीएसटी के नाम पर बाहर से आने वाली गाड़ियों की वसूली हाईवे पर चलती थी। जांच कर रहे एएसपी को भी तमकुहीराज पुलिस ने गुमराह किया और बबलू बच निकला था। जाली नोट,जीएसटी के साथ तमाम गैर कानूनी कार्यों में संलिप्त समाजवादी पार्टी के नेता रफी उर्फ बबलू ने जिले के हाईवे में दाखिल होने वाले हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड जैसे बड़े महानगरों से आने वाले मालवाहकों के लिए वसूली गैंग तैयार की थी।
सूत्र बताते हैं कि गैंग के सदस्य रफी उर्फ बबलू के शह पर खुद को समान एवम सेवा कर (जीएसटी) का अधिकारी बताकार सुकरौली, हाटा से लेकर सलेमगढ़, तमकुही राज तक वसूली करते थे। उस समय हाईवे के किनारे थानों पर तैनात कुछ सिपाहियों का नाम भी चर्चा में आया था, जो काफी दिनों से हाईवे थाने और चौकियों पर तैनात सिपाही जीएसटी अधिकारी के नाम पर अवैध मालवाहनों से अवैध वसूली कराने वालों को संरक्षण देते थे।

वसूली गैंग की संलिप्तता में खाकी का नाम आने पर जांच कमजोर हो गई और नौ आरोपियों को जेल भेजने के बाद बाकी की तलाश तो दूर चर्चा तक नहीं हुई। जिले में तैनात कुछ पुराने सिपाही, दरोगा और इंस्पेक्टरों से गैर कानूनी कार्यों में लिप्त धंधेबाजों में साठगांठ मजबूत है। जाली नोटों के खपाने वाले धंधेबाजों पर कार्रवाई के ऐसे पुलिसकर्मियों की भी बेचैनी बढ़ गई है, कि जांच की कड़ी में पूर्व में हुई कार्रवाईयों को खंगाला गया तो कई राज खुल सकते हैं।

एसपी संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि एक-एक पहलुओं पर जांच की जा रही है। कई नई बातें भी सामने आई है। जांच को गोपनीय रखा जा रहा है। कई चौंकाने वाली बात भी सामने आई है, जिस पर पुलिस टीम काम कर रही है। नेपाल से बिहार तक फैले नेटवर्क पर पुलिस काम कर रही है। हाईवे पर सक्रिय जीएसटी वसूली गैंग में बबलू का नाम आया है। इस बिंदु को भी जांच में शामिल किया गया है।

विभाग में काम किया… रूट का था अंदाजा
मो. रफी उर्फ बबलू ने अपने काले कारनामों की शुरुआत से पहले 2008 तक सेल्स टैक्स आफिस में पर्ची काटने का काम किया करता था। तब वहां उसके बड़े बड़े ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिकों से साठगांठ थी। उसने वहां से नौकरी छोड़ने के बाद इसी क्षेत्र में अपनी पैठ जमाने के लिए वसूली गैंग तैयार कर ली। ट्रांसपोर्ट कंपनी से साठगांठ होने के चलते उसे बड़े शहरों से आने वाले मालवाहकों का पता चल जाता था।

पिछले कुछ वर्षों से रफी के इस कारनामे ने तीव्र गति से कार्य करना शुरू कर दिया था। इसमें उसने खुद को फंसते देखा तो खाकी की भी मदद ली। पुलिस सूत्रों का मानना है कि अभियुक्तों की ओर से बरामद किए गए लैपटॉप से ही गैंग के सदस्य बैठकर संचालित करते थे। इसमें डाटा मौजूद रहता था।
*आरोपियों के पास से बरामद नेपाली मुद्रा*
एनएच- 28 पर पर है कुल 10 से अधिक चौकियां और थाने,फिर भी नहीं लगती भनक
हाईवे से जुड़े थानों में शिथिलता के कारण जिले के अग्रिम छोर से अंतिम छोर तक 10 से अधिक कई चौकियों और थाना को पार कर पुलिस के आंखों में धूल झोंकते हुए कहे या पुलिस से साठगांठ करते बड़े महानगरों से आने वाले वाहनों से हाटा, कसया, तुर्कपट्टी, पटहेरवा, तरयासुजान थानों से जुड़े नेशनल हाईवे 28 के बीच रोककर रात के अंधेरे में वसूली होती है।

सूत्र यह बताते हैं कि सुकरौली से लेकर बहादुरपर पुलिस चौकी तक हर थानों और चौकियों में रफी के साथी खाकी वाले बने रहते थे जिससे वह इस वसूली गैंग को सार्थक बनाने में कामयाब होता रहा था। रफी के साथ रहने वाले खाकी के सदस्य इन मालवाहकों से पहले रुपये की मांग करते थे न देने पर रफी इनपर कार्रवाई की सिफारिश करता था। इसमें सिपाही और रफी की टीम के बीच रकम की हिस्से की साझेदारी हो जाती थी।

वसूली गैंग के सरगना के रूप में किया काम… पुलिस को पैसे मिलने के कारण नाम का खुलासा नहीं
कभी सेल्स टैक्स की पर्ची काटने वाला रफी उर्फ बबलू इस पूरे जीएसटी वसूली का मुख्य सरगना बना हुआ था। वर्षों तक सेल्स टैक्स काउंटर पर काम करने के कारण इस काम और तरीकों में उसे महारत हासिल थी। खुद को जीएसटी अधिकारी बताकर वसूली करने से कभी कुरेज नहीं करने वाला रफी उर्फ बबलू की ओर से तैयार किए गैंग के बारे में तत्कालीन एसपी धवल जायसवाल ने ऐसी करतूत को नकारते हुए जांच का आश्वासन दिया।

इसके बाद टीम गठित हुई जिसकी जिम्मेदारी अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी अभिनव अवस्थी को जिम्मेदारी दी गई। इस मामले में जांच गहनता से शुरू हुई तो पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे। 9 जुलाई को पुलिस ने एक ऐसे शातिर गिरोह का पर्दाफाश किया है जो फोरलेन व हाईवे पर माल की ढुलाई करने वाले ट्रकों से जीएसटी अधिकारी बनकर रकम वसूलता था। इसके लिए गिरोह के सदस्य जीएसटी के कागजात में कमी का बहाने बनाते थे।

इस गिरोह ने कई ट्रकों से लाखों रुपये की ठगी की थी। इस गिरोह के नौ सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए हैं जिसमे अधिकांश तमकुही क्षेत्र के ही रहने वाले थे। चर्चा यह थी कि इस मामले का सरगना रफी उर्फ बबलू के नाम पर पुलिस ने खुद की नाकामी छिपाने के चलते छोड़ दिया। इसके पहले भी कई दफा हाईवे के मुख्य बैरियर के पास पुलिस को ऐसे फर्जी वसूली गैंग हाथ आया है

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