रतन गुप्ता उप संपादक
महराजगंज। जिला पंचायत की बैठक में दो विधायक आपस में भिड़ गए। इसके बाद माहौल कुछ देर के लिए गर्म हो गया। बाद में बैठक शुरू हुई। अधिकारियों के नहीं रहने पर भी आपत्ति जताई गई। बैठक में प्रतिनिधियों की उपस्थिति पर भी विरोध हुआ।
बैठक में फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी ने जिला पंचायत में भ्रष्टाचार का आरोप मढ़ा तो हंगामा होने लगा। माहौल शांत हुआ तो बैठक में चर्चा का क्रम आगे बढ़ा। चर्चा है कि जनप्रतिनिधि की बात व बजट को लेकर दोनों आपस में असहमत थे। जिसपर मंच पर ही सबके सामने तेज आवाज में बात करने लगे। एक ने कहा जनप्रतिनिधि की जगह कोई और नहीं रह सकता तो दूसरे ने कहा कि जनप्रतिनिधि का ही रहना अनिवार्य है। मंच पर विधायकों को आपस में लड़ते देख कुछ जिला पंचायत सदस्यों ने ठहाका लगाया।
जिला पंचायत अध्यक्ष रविकांत पटेल, विधायक पनियरा ज्ञानेंद्र सिंह, विधायक नौतनवा ऋषि त्रिपाठी, विधायक सिसवा प्रेमसागर पटेल व विधायक सदर जयमंगल कन्नौजिया मंच पर बैठे रहे। सामने जिला पंचायत के सदस्य व अधिकारी बैठे रहे। कार्रवाई जैसे ही शुरू हुई फरेंदा विधायक वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि शासनादेश के अनुसार ही बैठक में जनप्रतिनिधि स्वयं रहें।
बैठक में शामिल होने के लिए एएमए की ओर से जो पत्र जारी किया गया है उसका पालन किया जाए। बैठक में मौजूद प्रतिनिधि पर फरेंदा विधायक ने आपत्ति जताई। इस पर एक सत्ताधारी दल के विधायक ने बचाव करते हुए कहा कि अगली बार से यह नियम लागू किया जाए। जिला पंचायत सदस्यों ने सड़क, बिजली, पानी का मुद्दा उठाया। जिला पंचायत सदस्य सुरेश चंद्र साहनी ने कहा वृद्धा, विधवा, दिव्यांग में पात्रों को अपात्र न बनाया जाए।
*प्रमुख पनियरा ने जर्जर सड़क का मुद्दा उठाया*—
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में ब्लॉक प्रमुख पनियरा वेद प्रकाश शुक्ल ने अपने क्षेत्र में आने वाली जिला पंचायत की क्षतिग्रस्त सड़क का मुद्दा से उठाया। बभनौली, लक्ष्मीपुर, देउरवा मार्ग के विशेष अनुरक्षण की मांग करते हुए पत्र भी दिया। बभनौली चौराहे से विशुनपुरा निवासी राममूरत प्रसाद वर्मा के घर तक एक किमी सीसी रोड के निर्माण और शेष विशुनपुरा से लक्ष्मीपुर देउरवा तक 1.5 किमी लेपन जरूरी है।
जिला पंचायत में कुछ चुनिंदा लोगों को ही मिलता है काम
जिला पंचायत बोर्ड की बैठक में आए कांग्रेस से फरेंदा के विधायक वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि जिला पंचायत भ्रष्टाचार का अड्डा है। यहां 43 फीसदी कमीशन पर काम होता है। इसको लेकर वह विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं। कमीशन पर उन्होंने कहा कि किसी भी सदस्य से पूछ लीजिए। 43 फीसदी कमीशन के बाद आपको लगता है कि सड़क पर कुछ काम नजर आएगा। यहां सिर्फ लूट है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में ई-टेंडर पड़ रहा है, लेकिन महराजगंज जिला पंचायत में कुछ चुनिंदा लोगों को ही काम मिलता है। विधायक ने मानसून आफर पर कहा कि जिला पंचायत में 47 सदस्य हैं। बोर्ड की जितना बजट है कर्मियों, अधिकारियों व पदाधिकारियों का वेतन देने के बाद जितना धन बचे उससे क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए सदस्यों में बराबर-बराबर बांट देना चाहिए। यही तो मानसून आफर है, लेकिन सदस्य यहां के सीधे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष भी सीधे हैं। खेती-किसानी से जुड़े हैं।
इंटरलाकिंग सड़क बनाने व फिर उसे उखाड़ने का मुद्दा उठा
जिला पंचायत की बैठक के बाद अध्यक्ष के सामने एनएच 730 एस महराजगंज ठूठीबारी मार्ग पर बरोहिया में डेढ़ करोड़ से इंटरलाकिंग सड़क बनाने व फिर उसे उखाड़ने के बाद ईंट की लूट पर सवाल उठा। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि इंटरलाकिंग सड़क के लिए वह पीडब्ल्यूडी से एनओसी लिए थे। बाद में सड़क चौड़ीकरण की स्वीकृति मिली। उसके पहले इंटरलाकिंग हो चुका था। ईंट को उठाकर एक स्कूल में भेजने के सवाल पर जिला पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि आरोप निराधार है।