रतन गुप्ता उप संपादक
दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से तहसील क्षेत्र में नदियां उफान पर हैं। सेमरहवा गांव के लोगों के लिए रोहिन नदी पार कर आने जाने में समस्या हो गई है । शुक्रवार की रात नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। फलस्वरूप नाव को इस पार से उस पार ले जाने के लिए लगाया गया तार टूट गया। ऐसी स्थिति में नदी पार करना जोखिम भरा हो गया है। नदी पार करने में अब घंटों लग जा रहा है।
तहसील क्षेत्र का गांव सेमरहवा काफी पिछड़ा है। भौगोलिक दृष्टि से यह तीन तरफ से नदी और एक तरफ से जंगल से घिरा हुआ है । इसकी आबादी छह हजार से अधिक है। यहां सेमरहवा खास, बरतानी,चरइया तथा भाठवा चार टोले हैं । इस समय गांव में जाने के लिए नाव ही एक मात्र साधन है। आजादी से लेकर अब तक गांव में इमरजेंसी सेवा उपलब्ध नहीं हो पाती है। बरसात के समय गांव से बाहर निकलने के लिए लगभग तीन किलोमीटर तक पैदल चलकर कुअहवा घाट आना पड़ता है और नाव से नदी पार कर चखनी चौराहे पर जाना पड़ता है । शुक्रवार को रोहिन नदी का जलस्तर बढ़ गया। नदी की तेज धारा के कारण नाव को इस पार से उस पार ले जाने के लिए नाविक द्वारा लगाया गया तार टूट गया। बांस की बल्ली और पतवार के सहारे नाव को किसी तरह से पार किया जा रहा है। एक चक्कर लगाने में तीन घंटे का समय लग जा रहा है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। शनिवार को पंजाब से घर लौट रहे राकेश यादव ने बताया कि घर जाने के लिए कुअहवा घाट पर सुबह से नाव का इंतजार कर रहे थे । चार घंटे प्रतीक्षा के बाद नाव को नाविक लेकर आया तक नदी पार कर पाए।
पन्नेलाल ने बताया कि वह भी मुंबई से घर आए हैं। कुअहवा घाट पर सुबह से नाव इंतजार कर रहे थे। जब नाव आई तब नदी पार कर घर आया। सेमरहवा गांव के बनारसी का कहना है कि पत्नी की तबीयत खराब है। दवा लेने जाना था। उन्हें भी सुबह से नाव का इंतजार करना पड़ा। नदी पार करने के लिए नाव का इंतजार कर रहे उमाशंकर, सीताराम ,जोखन ,राधेश्याम यादव, संतराम आदि ने बताया कि पानी बढ़ने से नदी पार करने में समस्या आ रही है। नाविक धर्मराज ने बताया कि नदी का जलस्तर बढ़ गया है। तेज बहाव के कारण तार टूट गया। अब बांस बल्ली के और पतवार के सहारे किसी तरह से ग्रामीणों को पार कराया जा रहा है। तार टूट जाने से नदी में नाव चलाने पर भय लग रहा है