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अपनों को याद लिये खोजने पूर्वजों की जन्मभूमि ढूंढते सिसवा पहुंचा हालैंड का परिवार

रतन गुप्ता उप संपादक
महराजगंज के सिसवा में एक हॉलैंड परिवार अपने पूर्वजों की जन्मभूमि खोजने आया है। उनके पूर्वज गोरखपुर के पास के गांव से सूरीनाम गए थे। परिवार के मुखिया लक्ष्मीनारायण गोपाल ने 1996 में पहली बार भारत…

प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की सिसवा में हॉलैंड का एक परिवार पहुंचा। इस परिवार को अपने पूर्वजों की जन्मभूमि की तलाश है। गोरखपुर के आसपास के किसी गांव से उनके पूर्वज सूरीनाम गए। वहीं बस गए। अब उनका परिवार हॉलैंड में रहता है। वर्ष 1996 में परिवार के मुखिया पहली बार भारत आए थे। तब भी उन्होंने पूर्वजों की जन्मभूमि की तलाश की। हालांकि तब उन्हें सफलता नहीं मिली। उन्हें उम्मीद है कि उनके पूर्वजों की जन्मभूमि उन्हें मिल जाएगी।

परिवार के साथ सिसवा पहुंचे हॉलैंड निवासी लक्ष्मी नारायण गोपाल ने ‘हिन्दुस्तान से बातचीत की। उन्होंने बताया कि उनके परदादा काम के सिलसिले में अफ्रीका के सूरीनाम गए थे। वह वहीं बस गए। सूरीनाम में ही उनके पिता और उनका जन्म हुआ। उनका पूरा परिवार अब यूरोप के हॉलैंड में स्थाई रूप से बस गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1996 में वह पहली बार अपने पूर्वजों की जन्मभूमि तलाशते भारत आए थे। उसी दौरान उनका प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय संस्था से जुड़ाव हुआ। वह और उनका परिवार प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित संतसमागम में शामिल होने माउंट आबू आता रहता है। वह जब भी भारत आते हैं, अपने पिता द्वारा बताए गए पूर्वजों की जन्मभूमि की तलाश करते हैं। उनके पिता ने उन्हें बताया था कि उनके पूर्वज गोरखपुर के आसपास किसी गांव के रहने वाले थे।

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