रतन गुप्ता उप संपादक
12 सालों से बैंगलोर में रह रहा था बांग्लादेशी रमज़ान, फर्जी भारतीय पासपोर्ट भी बरामद
बेंगलुरु पुलिस ने सोमवार को रमजान शेख नामक 38 वर्षीय एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया, जो पिछले 12 सालों से अवैध रूप से शहर में रह रहा था। उसकी पहचान बांग्लादेश के खुलना डिवीजन के नारैल निवासी के रूप में की गई है। पुलिस के अनुसार, रमजान शेख 2012 से बेंगलुरु के चिक्का बनाहल्ली इलाके में कबाड़ के कारोबार में लगा हुआ था। उसने भारत में फर्जी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी और भारतीय पासपोर्ट बनवाए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, शेख ने एक जन्म प्रमाणपत्र भी बनवाया, जिसमें उसकी जन्मस्थली पश्चिम बंगाल दिखाया गया है। इसके साथ ही, उसने बेंगलुरु के केआर पुरम आरटीओ से ड्राइविंग लाइसेंस भी प्राप्त किया था। शेख की पहली शादी बांग्लादेश में हुई थी, लेकिन बेंगलुरु में उसने दूसरी शादी कर ली और अब वह अपनी दूसरी पत्नी और बच्चों के साथ रह रहा था। वह भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल करके बांग्लादेश की यात्रा भी करता था।
जनवरी 2023 में, रमजान शेख को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसके कर्मचारी रसूल हवलदार ने आत्महत्या कर ली थी, और उस पर प्रताड़ना और वेतन न देने के आरोप लगे थे। हालांकि, वह जमानत पर रिहा हो गया था। बाद में, शेख की पहली पत्नी नूरजहां बेगम को उसके बेंगलुरु में रहने और गिरफ्तारी की जानकारी मिली।
फरवरी 2023 में, नूरजहां बेगम भारत आई और व्हाइटफील्ड डिवीजन पुलिस से मिलकर सबूत पेश किए कि शेख बांग्लादेश में जन्मा था और वहां का नागरिक है। लेकिन, जमानत पर छूटने के बाद, शेख ने पुलिस को धोखा दिया और बेंगलुरु में वापस आकर रहना शुरू कर दिया।
फरवरी 2023 से सितंबर 2023 के बीच, उसने दो बार बांग्लादेश की यात्रा की। आंतरिक सुरक्षा प्रभाग (ISD) को उसकी गतिविधियों की जानकारी मिली और इसके बाद, उसे फिर से गिरफ्तार कर तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेजा गया। कडुगोड़ी पुलिस ने बताया कि उसके खिलाफ पहले का मामला अभी अदालत में लंबित है और अदालत के फैसले के आधार पर ही उसे बांग्लादेश निर्वासित किया जाएगा