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दिवाली पर रामलला की शरण में पहुंचे सीएम योगी, दलित बस्ती में बांटे मिठाई-कपड़े

रतन गुप्ता उप संपादक

आज गुरुवार (31 अक्टूबर) सुबह, भव्य दीपोत्सव के अगले दिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले हनुमानगढ़ी जाकर बजरंगबली के दरबार में हाजिरी लगाई। यहां विधिपूर्वक दर्शन-पूजन करने के बाद, उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि जाकर भगवान रामलला के दर्शन किए और जनमानस की सुख-शांति की प्रार्थना की। इसके बाद, मुख्यमंत्री अयोध्या के मीरापुर बुलंदी दलित बस्ती पहुंचे, जहां उन्होंने दलित महिलाओं को दीपावली के उपहार के रूप में मिठाइयाँ और वस्त्र वितरित किए, साथ ही छोटे बच्चों को चॉकलेट भी दिए। बच्चों के चेहरे पर खुशी देखी गई जब उन्होंने चॉकलेट पाई।

 

इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली के पर्व को लेकर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अयोध्या में प्रभु श्री राम के 14 वर्ष के वनवास के बाद की वापसी का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस बार की दीपावली खास है, क्योंकि 500 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद प्रभु श्री राम अपने धाम में विराजमान हुए हैं, और उन्होंने कहा कि प्रभु रामलला का आशीर्वाद हम सब पर है।

 

सीएम ने यह भी कहा कि दीपावली का यह पर्व हमें एकता का संदेश देता है और सभी के जीवन में ज्ञान, धर्म और शिक्षा का प्रकाश फैलाने का काम करता है। उन्होंने प्रदेशवासियों और सभी सनातन धर्मावलंबियों के लिए इस पर्व को उत्साह, सुख और समृद्धि का कारक बनाने की कामना की। उन्होंने दलित बस्ती में दीपावली मिलन कार्यक्रम के बाद कारसेवकपुरम जाकर अयोध्या के संतों से मुलाकात की, जहां उन्होंने दीपोत्सव आयोजन में सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।

 

सीएम ने कहा कि दीपोत्सव अब अयोध्या की पहचान बन चुका है और इससे भारत को वैश्विक स्तर पर सम्मान मिलता है। उन्होंने आरएसएस और संतों के योगदान का भी उल्लेख किया और कहा कि यह सरकार का दायित्व है कि वे नागरिकों के सम्मान को ऊंचाइयों तक पहुंचाएं। योगी आदित्यनाथ ने जाति, धर्म और भाषा के नाम पर बंटने से बचने की अपील की और कहा कि हमें एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि बजरंगबली की गदा हमेशा सनातन विरोधियों के खिलाफ चलेगी।

 

मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास महराज से मुलाकात की और मणिराम दास छावनी जाकर उनका कुशलक्षेम जाना। इसके साथ ही, उन्होंने दिगंबर अखाड़ा में सुरेश दास जी महाराज से मुलाकात की और बड़ा भक्त माल जाकर किशोर दास जी महाराज से भी मुलाकात की। इस दौरान, उन्हें अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

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