रतन गुप्ता उप संपादक
सोनौली बार्डर से 5 किलोमिटर पर इस समय छोटे बड़े दर्जनों कैसिनो खोले गये है दिपावली से पहले से भारतीय लोग जुवां खेलने पहुंचे हुवे है । दिपावली से तीन दिनों के लिये भारतीय लोगों को तीन दिनों के लिये होटल खाना शराब ,डान्सर ,मुजरा सब फ्री कर दिया गया । दर्जनों कैसिनो मिला कर 50करोण से अधिक जुवां का करोबार हो चुका है । कैसिनो में जुवां खिलाने के लिये चाइना ,किस्कितान सहित विदेशी लड़कियों को काठमान्डू से बुलाया गया । भारतीय युवाओं का मन बहलाने के लिये मुजरा ,बेरी डान्सर भी भैरहवा के कैसिनो में हो रहा है। भारतीय युवाओं जुवां खेलने वालों भारतीयो से भरा हुआ है । भैरहवा में जस्न का माहौल है । जिनके पास अधिक पैसा है वह जन्नत का मजा भी ले रहे हैं ।
पहले ये कैसिनो सिर्फ नेपाल की राजधानी काठमांडू तक ही सीमित थे, लेकिन अब नेपाल सरकार लाइसेंस देकर इस कारोबार को भारत से लगे सीमांत क्षेत्रों तक पहुंचा दिया है।
भैरहवा महेंद्रनगर और धनगढ़ी समेत कई सीमांत शहरों में ई जुआ के ये केंद्र यानी कैसिनो खोले गए हैं, जो इन दिनों गुलजार हैं।
उत्तराखंड के बनबसा के 12 किमी दूर नेपाल सीमांत शहर महेंद्रनगर में सीएमजी क्लब ने एक तीन सितारा होटल में कैसिनो खोला है, जो दिवाली से पहले से ही गुलजार है।
जुआ खेलने वाले आसपास के क्षेत्रों से गाड़ियों में भर-भर कर पहुंच रहे हैं। खास बात यह कि कैसिनो में सिर्फ भारतीय या अन्य देशों के नागरिकों को ही प्रवेश की अनुमति है। नेपाल के नागरिकों का इसमें प्रवेश प्रतिबंधित है।
कुछ इस तरह नेपाल होता है ये खेल
जुआ खेलने को यहां लगे दो रोलेट मशीन के अलावा ब्लैक जैक, डबल डायमंड, ट्रिपल लक्की, बीगटाईम प्ले, ट्रिपल कैश, ड्रेगोन, जै जान, मनी मैच, हैपर रोलेट, बीग टाईम्स प्ले, पोकर समेत करीब दो तीन दर्जन प्ले मशीनें लगी हैं, जो पूरी तरह कंप्यूटराइज्ड हैं।
रोलेट के ऊपर टीवी की तरह टच स्क्रीनें लगी हैं। एक बार में आठ व्यक्ति एक साथ खेल सकते हैं। रोलेट में शून्य से लेकर 36 तक नंबर होते हैं।
रोलेट में खेलने को नकदी देकर दस रुपए प्रति प्वाइंट के हिसाब से उतने प्वाइंट इन किए जाते हैं और फिर इन प्वाइंटों से नंबरों पर बीट लगानी होती है।
आपका नंबर खुल गया तो उस नंबर पर लगे प्वाइंटों का 36 गुना आप जीतेंगे। बताते हैं कि इन प्ले मशीनों की आपरेटिंग काठमांडू से ई नेटवर्क के जरिये होती है। हार-जीत का फर्क भी वहीं से तय होता है।
कई को बर्बाद कर चुका है कैसिनो
भैरहवा महेंद्रनगर में 5 साल पहले खुले कैसिनो से कई लोग बर्बादी की दहलीज पर पहुंच गए हैं। बताते हैं कि अपना सब कुछ लुटाने के बाद नैनीताल जिले के एक करोड़पति दावा विक्रेता की मौत भी हो चुकी है।
खटीमा का एक युवा व्यापारी भी कैसिनो की लत में बर्बाद हो चुका है। टनकपुर, बनबसा, खटीमा, चकरपुर आदि नजदीकी क्षेत्रों की नई पीढ़ी को कैसिनो का चस्का चढ़ रहा है वहीं बरेली, हल्द्वानी, रूद्रपुर आदि शहरों के कई धन्नासेठ कारोबारी बर्बादी के कगार पर हैं।
फेमा एक्ट का होता है खुला उल्लंघन
फेमा एक्ट के तहत भले ही हजार और पांच सौ रुपये के नोट नेपाल ले जाने और वहां से लाना कानूनी अपराध है, लेकिन कैसिनो में पांच सौ और हजार रुपए के नोट बेरोकटोक चलते हैं। खिलाड़ी भी पांच सौ और हजार रुपए के नोटों की गड्डियां बार्डर से बेरोकटोक लाते-ले जाते हैं।
लूटाने वाले की खातिरदारी और हारे का तिरस्कार
कैसिनो में भरी जेब लुटाने वालों की खूब खातिरदारी होती है। जेब खाली होने तक उन्हें मुफ्त में आवाज लगाते ही शराब, मीट, मांस और खाना परोसा जाता है।
भैरहवा तथा अन्य रात्रि विश्राम के लिए भी तीन सितारा होटल के एसी रूम की भी मुफ्त सुविधा कैसिनो द्वारा मुहैया कराई जाती है, लेकिन जब जेब खाली हो जाती है तो फिर उनका तिरस्कार होने लगता है।और भारतीय युवकों को टैक्सी में बैठा कर सोनौली बार्डर छोड़ देते हैं । जो भारतीय शराब जाता पी लिया है उसे बार्डर पर सड़क पर ही सुला देते हैं । इस दिपावली पर भैरहवा बैककांग को पिछे छोड़ दिया है ।