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बंटेंगे तो कटेंगे’ पर SP का जवाब ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’, पोस्टरों के जरिए UP की राजनीति साधने की तैयारी


रतन गुप्ता उप संपादक

समाजवादी पार्टी की ओर से एक पोस्टर जारी कर भारतीय जनता पार्टी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे का जवाब दिया गया है। इसमें पार्टी की ओर से ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ का नारा दिया गया है। यूपी में उपचुनाव की वोटिंग 13 नवंबर को होनी है। इससे पहले लखनऊ की सड़कों पर पोस्टर चमकते दिख रहे हैं।

राजधानी लखनऊ की सड़कों पर लगे हैं ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ के पोस्टर
भाजपा के बंटेंगे तो कटेंगे की काट के तौर पर पार्टी की नई रणनीति
सपा के प्रदेश सचिव की ओर से जारी किए गए पोस्टर पर अब राजनीति

उत्तर प्रदेश के राजनीति को पोस्टर के जरिए सेट करने की कोशिश की जा रही है समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर नया पोस्टर जारी किया है। इसमें उन्होंने ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ का नारा दिया है इस नारे को भारतीय जनता पार्टी के बाटेंगे तो काटेंगे के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों आगरा की जनसभा में ‘बंटेंगे तो काटेंगे’ का नारा दिया था। इसके बाद से लगातार इस पर चर्चा तेज हुई है। दिवाली के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में आयोजित जनसभा के दौरान नया नारा दिया। उन्होंने कहा है कि ‘एक हैं तो सेफ हैं’। इसे भी बंटेंगे तो कटेंगे के विस्तार के तौर पर देखा जा रहा है।

दरअसल, सरदार पटेल की जयंती के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को एकता के सूत्र में बंधने वाले सूत्रधार के जीवन सूत्र को सामने रखा। हालांकि, अब राजनीतिक तौर पर इसकी विवेचना शुरू हो गई है। पीएम मोदी के शब्दों को अपने हिसाब से पेश किया जा रही है। अभी इस मुद्दे पर राजनीति गरमती दिख रही है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर 13 नवंबर को होने जा रही वोटिंग से पहले प्रदेश की राजनीति में भी गरमाहट आ रही है। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी लगातार इन सीटों पर बढ़त बढ़ाने की कोशिश में है। ऐसे में नए नारे रचे-गढ़े जा रहे हैं।

क्या है नया पोस्टर मामला?
समाजवादी पार्टी की ओर से राजधानी लखनऊ की सड़कों पर एक नया पोस्टर जारी किया गया है। इस पोस्टर में नारा दिया गया है जुड़ेंगे तो जीतेंगे। देवरिया के समाजवादी पार्टी नेता और प्रदेश सचिव विजय प्रताप यादव की ओर से यह पोस्टर जारी किया गया है। इसे भारतीय जनता पार्टी की ओर से दिए जा रहे नारे बाटेंगे तो काटेंगे के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।

इससे पहले समाजवादी पार्टी दफ्तर और राजधानी के कई इलाकों में सताइस का सत्ताधीश पोस्टर चिपकाया गया था। इसके जरिए यूपी चुनाव 2027 में अखिलेश यादव की जीत के नारे रचे गए थे। अब नए पोस्टर के जरिए यूपी के मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश की जाती दिख रही है।

मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पीडीए के जरिए अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। वह प्रदेश के तमाम मतदाताओं को एकजुट करने की प्रयास में है। ऐसे में जुड़ेंगे तो जीतेंगे के नारे को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। वह तमाम मतदाताओं को पार्टी के पक्ष में एकजुट करने- जोड़ने में जुटे हुए हैं।

मुद्दों पर भी घेरने का प्रयास
भाजपा को अब सपा ने मुद्दों पर भी घेरने की कोशिश शुरू की है। दिवाली के मौके पर महंगाई के मुद्दे को उठाया गया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की जनविरोधी नीतियों के चलते त्योहारों के रंग फीके हो गए हैं। सब्जी से लेकर खाद्य पदार्थों और तेल के दाम इतने बढ़े हुए है कि घरों में पकवान की सुगंध किचन से बाहर नहीं आ पाती है। भाजपा राज में ‘महामंहगाई’ में पुराने मुहावरे का नया प्रयोग ‘मंहगे तेल ने जनता का तेल निकाला’ हो गया है। भाजपाई अर्थशास्त्र में मूल्य बढ़ने का कारण ‘मांग बढ़ना’ नहीं, बल्कि बेलगाम ‘मुनाफाखोरी’ बढ़ना होता है।

अखिलेश ने कहा कि भाजपा मुनाफाखोरी और बोरी की चोरी दोनों के लिए जानी जाती है। आम लोग दैनिक जीवन में तमाम परेशानियों से गुजर रहा है। वहीं, सरकार बडे़-बड़े विज्ञापन प्रकाशित कर न जाने किस विकास का बखान करती है। प्रदेश में विकास के नाम पर यदि कुछ हो रहा है तो वह है अपराध और अपराधियों का विकास। साथ ही, उन्होंने दीपोत्सव पर भी निशाना साधा।

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