रतन गुप्ता उप संपादक
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने निर्देश दिया है कि सिर्फ बैठकों, चर्चाओं और प्रशासनिक उलझनों में ही नहीं उलझें , बल्कि इस तरह से काम करें कि लोगों को इसका एहसास हो।
प्रेस नोट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री ओली ने प्रधानमंत्री कार्यालय तथा चालू वित्तीय वर्ष की पहली चाैमासिक की प्रगति समीक्षा एवं मंत्रीस्तरीय विकास समस्या समाधान समिति की बैठक में संबंधित एजेंसियों का प्रेजेंटेशन सुनने के बाद कार्य व्यवहार और मानसिकता में बदलाव के निर्देश दिये.
प्रधानमंत्री ओली ने देश को विकसित करने की प्रतिबद्धता के साथ साफ-सुथरे और पारदर्शी तरीके से काम करने का आग्रह किया और सुशासन बनाए रखने, राजस्व रिसाव को नियंत्रित करने, गरीबी को कम करने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि को बेहतर बनाने और संसाधनों का उपयोग बढ़ाने के लिए काम करने का निर्देश दिया।
उन्हाेंने कहा कि अगर किसी कानून ने सुशासन और विकास में बाधा पैदा की है तो सरकार त्वरित तरीके से कानून में संशोधन करने के लिए भी तैयार है । प्रधानमंत्री ओली ने कहा, ‘हमारी सारी कोशिशें उत्पादन बढ़ाने की होनी चाहिए. हमारे संसाधन जितने हैं, उनका वैज्ञानिक उपयोग होना चाहिए। सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग कर विकास की गति को तेज किया जाना चाहिए।’
बैठक में प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार विष्णुप्रसाद रिमाल, आर्थिक मामलों के सलाहकार डॉ. युवराज खतीवड़ा, राष्ट्रीय योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. शिवराज अधिकारी, मुख्य सचिव एकनारायण आर्यल और सचिव, अधीनस्थ कार्यालयों के प्रमुख उपस्थित थे।