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दो राज्‍यों के बॉर्डर पर खड़े हैं सैकड़ों ट्रक, इधर मचा है हाहाकार, आम लोगों के लिए दाल-भात चोखा पर भी आफत

रतन गुप्ता उप संपादक 
पश्चिम बंगाल और ओडिशा में विवाद के चलते आमलोगों के साथ ही कारोबारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ओडिशा में किचन का बैलेंस तक बिगड़ गया है.

पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच आलू की सप्‍लाई को लेकर तकरार की स्थिति बनी हुई है.
पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच टकराव के चलते हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. इससे एक तरफ जहां सरकार परेशान है तो दूसरी तरफ अब आम लोगों को भी दिक्‍कतें होने लगी हैं. ओडिशा में पिछले दो दिन में आलू की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई है, क्योंकि पश्चिम बंगाल ने राज्य में रसोई की आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगा दिया है. इससे आमलोगों के साथ ही कारोबारी भी परेशान हैं.

आलू से लदे सैकड़ों ट्रक ओडिशा-बंगाल सीमा के पास खड़े हैं, क्योंकि बुधवार रात से वाहनों को इंटरस्‍टेट बॉर्डर पार करने की अनुमति नहीं दी गई है. इनमें से कई ट्रक अपने मूल स्थान पर लौट आए हैं क्योंकि आलू खराब हो सकते हैं. व्यापारियों ने कहा कि पहले ओडिशा के बाजारों में 30 रुपये से 33 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा आलू अब खुदरा बाजारों में 40 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है. उन्होंने कहा कि अगर आपूर्ति बहाल नहीं हुई तो आलू की कीमतें और बढ़ सकती हैं.

 

कारोबारियों की सरकार से गुहार
ऑल ओडिशा ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव सुधाकर पांडा ने ओडिशा सरकार से हस्तक्षेप करने और राज्य में आलू के ट्रकों को प्रवेश की अनुमति देने के लिए पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के साथ बातचीत करने की अपील की है. इस बारे में पूछे जाने पर, खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता कल्याण मंत्री कृष्णचंद्र पात्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल से आलू की आपूर्ति में व्यवधान हुआ है. उन्होंने कहा, ‘हम पंजाब या उत्तर प्रदेश से आलू लाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उपभोक्ताओं को कोई समस्या न हो.’ ओडिशा को प्रतिदिन लगभग 4,500 टन आलू की आवश्यकता होती है. राज्य इसके लिए काफी हद तक पश्चिम बंगाल पर निर्भर है.

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